
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 2 अक्टूबर को नागपुर के रेशीमबाग मैदान में एक भव्य विजयादशमी उत्सव का आयोजन करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे, और सरसंघचालक मोहन भागवत उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
विश्व शांति और मानव कल्याण का उद्देश्य
आरएसएस ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस आयोजन को विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए समर्पित बताया है। संगठन के अनुसार, यह उत्सव हिंदू समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक स्वरूप में प्रस्तुत करेगा। आरएसएस की इस पहल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन की बढ़ती पहुंच और प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है।
नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया ने सभी नागरिकों से सपरिवार समय पर कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है। विजयादशमी उत्सव हिंदू कैलेंडर के अनुसार, युगाब्द 5127 के आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी को आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में नागपुर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों और आम लोगों के आने की उम्मीद है।
सांस्कृतिक मूल्यों और एकजुटता पर जोर
आरएसएस ने इस आयोजन को संघ के शताब्दी वर्ष का उत्सव बताया है और इसे हिंदू समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के रूप में भी रेखांकित किया है। संघ का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद और डॉ. मोहन भागवत के उद्बोधन से समाज को नई दिशा और प्रेरणा मिलेगी। यह कार्यक्रम संगठन की यात्रा को दर्शाएगा, जिसने 1925 में अपनी स्थापना के बाद से भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला है।
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में स्थापित, आरएसएस एक हिंदू राष्ट्रवादी स्वयंसेवी संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति, एकता और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना है। संगठन स्वयंसेवकों के माध्यम से सामाजिक सेवा, शिक्षा और चरित्र निर्माण पर जोर देता है। इसकी शाखाएं शारीरिक प्रशिक्षण, अनुशासन और वैचारिक चर्चा आयोजित करती हैं। यह उत्सव आरएसएस के 100 वर्षों के सफर को एक मील का पत्थर साबित करेगा और भविष्य में संगठन की दिशा निर्धारित करेगा।

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