
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए बयान ने पाकिस्तान को बुरी तरह बौखला दिया है। डोभाल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को बेहद सटीक तरीके से निशाना बनाया और इस ऑपरेशन में एक भी चूक नहीं हुई। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन महज 23 मिनट में पूरा कर लिया गया और इसकी योजना पूरी तरह खुफिया सूचनाओं पर आधारित थी। डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान के इन आतंकी ठिकानों को खत्म कर भारत ने एक बड़ा संदेश दिया है।
विदेशी मीडिया को दी चुनौती
एनएसए डोभाल ने न केवल पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया, बल्कि उन्होंने विदेशी मीडिया को भी खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसे नुकसान नहीं हुआ, तो वह एक भी फोटो या सैटेलाइट इमेज दिखा दे जिसमें कोई क्षति नज़र आती हो। यहां तक कि अगर एक शीशा भी टूटा हो तो दिखाएं।” उनका कहना था कि भारत को पहले से पता था कि कौन कहां है और उसी के अनुसार चुनिंदा ठिकानों पर हमला किया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान किसी नागरिक क्षेत्र को निशाना नहीं बनाया गया।
पाक विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
डोभाल के इस बयान के बाद पाकिस्तान के हुक्मरानों में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डोभाल के बयान को ‘झूठा और तोड़मरोड़ कर पेश किया गया’ करार दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि भारत का यह बयान न केवल गलत सूचना फैलाता है बल्कि जिम्मेदार कूटनीति के सभी मानकों का उल्लंघन भी करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की संप्रभुता का खुला उल्लंघन किया है जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विपरीत है।
अंतरराष्ट्रीय नियमों की दुहाई
पाकिस्तान ने भारत पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। पाकिस्तान का कहना है कि किसी भी देश को दूसरे देश की सीमा में घुसकर इस प्रकार की सैन्य कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक खतरनाक मिसाल है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने जिन ठिकानों को आतंकी अड्डा बताया है, वे दरअसल आम नागरिकों के इलाके थे, जहां बेगुनाह लोगों की जानें गई हैं।
भारत पर गंभीर आरोप, अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग
पाकिस्तान ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की चेतावनी दी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर भारत की इस तरह की कार्रवाई पर लगाम नहीं लगाई गई तो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है। शफकत अली खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि ऐसे हमले भविष्य में न हों और दक्षिण एशिया में तनाव न बढ़े।
भारत का सख्त रुख
उधर भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई में कोई नरमी नहीं बरतेगा। एनएसए डोभाल के बयान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर ही काम करेगा और जरूरत पड़ने पर सीमाओं से पार जाकर भी अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि डोभाल का यह बयान पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डोभाल के बयान ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की सख्त नीति को दुनिया के सामने रखा है। वहीं, पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानवाधिकारों की दुहाई देकर अपनी स्थिति को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद और भी गहराने की संभावना है।

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