
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ (ONORC) योजना, जो पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश है, फिलहाल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच एक तकनीकी बाधा के कारण चुनौतियों का सामना कर रही है। उत्तर प्रदेश के एनएफएसए कार्डधारकों को उत्तराखंड में पिछले दो माह से राशन नहीं मिल पाया है, जिससे हजारों गरीब परिवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
POS मशीनों की कनेक्टिविटी में आ रही समस्या
उत्तराखंड में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार हाल ही में नई पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें स्थापित की गई हैं। इन मशीनों को अपडेट करना और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना प्रारंभिक चरणों में एक चुनौती रहा, लेकिन अधिकांश राज्यों के कार्डधारकों को अब राशन वितरण सामान्य रूप से मिल रहा है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश से जुड़े कार्डधारकों के लिए समस्या जस की तस बनी हुई है। नई पीओएस मशीनें उत्तर प्रदेश के सर्वर से कनेक्ट नहीं हो रही हैं, जिसके चलते जून और जुलाई में यूपी के कार्डधारकों को राशन वितरण संभव नहीं हो पाया।
राशन दुकानों से मायूस लौट रहे उपभोक्ता
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के तहत कुछ राशन दुकानों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है, जहां अन्य राज्यों के कार्डधारक अपना कोटा प्राप्त कर सकते हैं। यूपी के कार्डधारक इन दुकानों पर नियमित रूप से पहुंच रहे हैं, लेकिन राशन नहीं मिलने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। ये उपभोक्ता योजना की पारदर्शिता और सुचारु व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं और जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी ने स्पष्ट की स्थिति
इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी कैलाश अग्रवाल ने बताया कि, “उत्तराखंड की पीओएस मशीनें पूरी तरह से कार्यशील हैं और इनमें कोई तकनीकी त्रुटि नहीं है। समस्या उत्तर प्रदेश के सर्वर में है, जिसकी वजह से यूपी के कार्डधारकों की जानकारी एक्सेस नहीं हो पा रही है।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही यूपी सर्वर से यह तकनीकी समस्या हल होगी, राशन वितरण पुनः शुरू कर दिया जाएगा।
ONORC योजना की मूल भावना
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना की मूल भावना यह है कि कोई भी नागरिक, चाहे वह किसी राज्य में क्यों न हो, अपने कार्ड के जरिए पूरे देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से राशन प्राप्त कर सके। यह योजना खास तौर पर प्रवासी श्रमिकों और गरीब वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है, जो अपने राज्य से दूर रहकर जीवन यापन करते हैं।
उत्तराखंड में यह योजना सफलतापूर्वक तीन वर्षों से लागू है, लेकिन हालिया तकनीकी समस्या ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं।
क्या हो सकता है समाधान?
उत्तर प्रदेश की सर्वर टीम को तत्परता से POS सिस्टम के साथ समन्वय स्थापित करना होगा।
केंद्र सरकार को राज्यों के आईटी विभागों के बीच तालमेल सुनिश्चित कर यह तकनीकी बाधा शीघ्र समाप्त करनी चाहिए।
उपभोक्ताओं को अस्थायी समाधान के रूप में स्थानीय प्रशासन से सहायता दी जा सकती है ताकि राशन की आपूर्ति प्रभावित न हो।
तकनीकी सुधार से योजनाओं की सफलता संभव
योजना की मंशा स्पष्ट रूप से प्रशंसनीय है, लेकिन यदि तकनीकी सुधार समय पर नहीं हुए तो इसका लाभ लाखों लाभार्थियों तक पहुंचने में बाधा बन सकता है। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सिस्टम एकीकृत होते ही ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना फिर से अपने उद्देश्य को पूरा करती नजर आएगी।

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