
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज कर दिया है। कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को पार्लियामेंट्री स्ट्रैटेजी ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें मानसून सत्र के फ्लोर मैनेजमेंट और प्रमुख विधेयकों पर पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
बैठक में होंगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल
सूत्रों के मुताबिक, इस अहम बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, गौरव गोगोई, दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी और मानिक टैगोर सहित कई वरिष्ठ सांसद भाग लेंगे। यह बैठक संसद के भीतर विपक्ष की एकजुटता और मुखर उपस्थिति के लिए अहम मानी जा रही है।
सरकार को घेरेगी कांग्रेस, कई मुद्दों पर दिखेगा आक्रामक रुख
बैठक में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, उनमें सबसे आगे है पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर। कांग्रेस का रुख है कि इस संवेदनशील मामले पर केंद्र सरकार को संसद के पटल पर जवाबदेह बनाया जाए। पार्टी सरकार से इस ऑपरेशन की पारदर्शिता, खुफिया विफलता और सुरक्षा व्यवस्था पर कड़े सवाल पूछने की तैयारी कर रही है।
इसके अतिरिक्त, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में संभावित अनियमितताओं पर भी चर्चा की जाएगी। कांग्रेस का मानना है कि यदि मतदाता सूची में छेड़छाड़ हुई तो यह लोकतंत्र की बुनियाद पर गंभीर आघात होगा।
विमान हादसा, न्यायिक सुधार और महाभियोग जैसे मुद्दे भी एजेंडे में
12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे और उस पर आई प्रारंभिक रिपोर्ट को लेकर भी विपक्ष सरकार से जवाबदेही की मांग करेगा। इस हादसे में सुरक्षा और तकनीकी खामियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वहीं न्यायिक सुधार और विशेष रूप से जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संभावित महाभियोग प्रस्ताव भी सत्र के दौरान गर्म मुद्दे रह सकते हैं। कांग्रेस का मानना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से कोई भी समझौता लोकतंत्र के लिए खतरा है, और यदि सरकार महाभियोग जैसे कदम उठाती है तो विपक्ष इसे पूरी ताकत से संसद में उठाएगा।
सत्र में सरकार के विधेयकों पर भी रहेगी कांग्रेस की पैनी नजर
21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में सरकार द्वारा कई अहम विधेयकों को पेश किए जाने की संभावना है। ऐसे में कांग्रेस इन विधेयकों की संवैधानिकता, जनहित और लोकतांत्रिक प्रभावों की पड़ताल करने के लिए तैयार है। सोनिया गांधी की अगुवाई में होने वाली बैठक में इन प्रस्तावित विधेयकों पर पार्टी का रुख तय किया जाएगा।
संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी का जोर इस बैठक में विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने पर रहेगा ताकि संसद में सरकार को मजबूती से जवाबदेह ठहराया जा सके। साथ ही, सत्र में जनता से जुड़े मुद्दे—महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और आर्थिक असमानता—को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।
कांग्रेस मानसून सत्र को एक अवसर की तरह देख रही है जहां वह खुद को एक जिम्मेदार और प्रभावशाली विपक्ष के रूप में स्थापित कर सके। सोनिया गांधी की अगुवाई में 15 जुलाई को होने वाली यह बैठक कांग्रेस की आगामी रणनीति की रूपरेखा तय करेगी, जो आने वाले दिनों में संसद की कार्यवाही को दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकती है।

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