
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने छात्र राजनीति में एक नया चेहरा सामने लाया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रविवार को राहुल कुमार यादव को छात्र रालोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। इस अवसर पर आयोजित एक समारोह में उन्हें मनोनयन पत्र सौंपा गया।
यह कार्यक्रम पटना स्थित पार्टी के राज्य कार्यालय में आयोजित किया गया, जहां पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रिंस राज पासवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
राहुल यादव पर जताया गया भरोसा
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि राहुल यादव मेरे गृह जिला खगड़िया के निवासी हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। वे पिछले दो वर्षों से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं ने उन पर जो भरोसा जताया है, वह उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
पारस ने उम्मीद जताई कि राहुल यादव छात्र संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करेंगे और विशेष रूप से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में छात्र रालोजपा की भूमिका को निर्णायक बनाएंगे।
वरिष्ठ नेताओं ने दी शुभकामनाएं
केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने राहुल यादव के मनोनयन पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि छात्रों के बीच अब रालोजपा एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरेगी। राहुल यादव की कार्यक्षमता और समर्पण से पार्टी की विचारधारा को बिहार ही नहीं, पूरे देश के युवाओं तक पहुंचाया जा सकेगा।
प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान ने कहा-
“राहुल यादव ऊर्जावान और जुझारू युवा हैं। उन्हें छात्र प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी देकर पार्टी ने सही दिशा में कदम उठाया है। हमें पूरा विश्वास है कि उनकी नेतृत्व क्षमता से छात्र संगठन नई ऊंचाइयों को छूएगा।”
राहुल यादव ने जताया आभार
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल यादव ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व और आदरणीय पारस जी के आभारी हैं, उन्होंने उन पर विश्वास कर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। वह देशभर के छात्रों की आवाज बनने और उनकी समस्याओं को मंच देने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में छात्र रालोजपा की संगठनात्मक संरचना को मजबूत किया जाएगा और कॉलेजों-विश्वविद्यालयों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। राहुल यादव की नियुक्ति को रालोजपा की नई पीढ़ी को नेतृत्व में आगे लाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। छात्र राजनीति में सक्रिय युवाओं के बीच उनकी स्वीकार्यता, संगठनात्मक अनुभव और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित कर सकती है। रालोजपा इस कदम से आगामी छात्र संघ चुनावों और विधानसभा चुनावों में युवा वोट बैंक को साधने की दिशा में एक ठोस पहल करती दिख रही है।

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