
इंडिया पोस्ट के ‘वार्षिक व्यावसायिक सम्मेलन 2025-26’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भारतीय डाक के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारतीय डाक केवल एक सेवा नहीं है, बल्कि हमारे देश के सुदूर कोनों को जोड़ने वाली जीवनरेखा है। देश के हर कोने से मिलने वाली ऊर्जा, प्रतिबद्धता और विचारों को देखकर गर्व होता है।”
उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि डाक विभाग सिर्फ परंपरागत डाक सेवा तक सीमित न रहकर लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं में भी प्रतिस्पर्धी बने, ताकि हर नागरिक तक आधुनिक सेवाएं पहुंच सकें।
प्रदर्शन मानकों और कॉर्पोरेट शैली की संरचना पर फोकस
सिंधिया ने जोर देकर कहा कि भारतीय डाक में प्रदर्शन मानकों, नवाचार और जवाबदेही को प्राथमिकता देने वाली कॉर्पोरेट-शैली की संरचना अपनाई जाएगी। इसका मकसद केवल राजस्व वृद्धि नहीं बल्कि एक पेशेवर, सेवा केंद्रित संस्कृति को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी सर्किल प्रमुखों को स्पष्ट लक्ष्य दिए गए हैं, जिनका समय-समय पर आकलन किया जाएगा।
‘डाक संवाद’ और ई-न्यूजलेटर की हुई शुरुआत
आंतरिक संचार और ज्ञान साझा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत केंद्रीय मंत्री ने एक नए मासिक ई-न्यूजलेटर और ‘डाक संवाद’ की शुरुआत की। यह न्यूजलेटर भारतीय डाक के कर्मचारियों के नवाचारों, व्यावसायिक कहानियों और सफल पहलों को उजागर करेगा। साथ ही यह डाक सेवाओं पर देशवासियों के अटूट भरोसे को भी सामने लाएगा। मंत्री ने कहा कि इससे कर्मचारियों को एक-दूसरे से सीखने और अपने विचार साझा करने का अवसर मिलेगा।

बैंकिंग और ई-कॉमर्स में भी बढ़ेगी भागीदारी
सम्मेलन के दौरान सभी सर्किल प्रमुखों ने अपने-अपने क्षेत्र की प्रगति, समस्याएं और आगे की रणनीतियों पर प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों का मुख्य फोकस भारतीय डाक की बैंकिंग, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और सार्वजनिक सेवा वितरण क्षमताओं को बढ़ाना था। मंत्री ने कहा कि ये पहलें न सिर्फ राजस्व बढ़ाने में मदद करेंगी बल्कि राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप भी होंगी।
ग्रामीण-शहरी खाई को पाटने में निभा रहा है बड़ी भूमिका
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारतीय डाक मजबूत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क, वित्तीय समावेशन और डिजिटल कनेक्टिविटी के जरिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे टीम भावना और स्थानीय स्तर पर नवाचार के जरिए इस लक्ष्य को हासिल करें।
समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाना प्राथमिकता
सिंधिया ने कहा कि डाक विभाग को मुनाफे के साथ-साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को भी नहीं भूलना चाहिए। सरकार चाहती है कि भारत के सबसे दूरदराज इलाकों में रहने वाला व्यक्ति भी डाक सेवा के जरिए वित्तीय और डिजिटल नेटवर्क से जुड़ सके।
‘नए भारत’ के निर्माण में अहम कड़ी
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि बदलते समय में भारतीय डाक सिर्फ पारंपरिक सेवा नहीं, बल्कि ‘नए भारत’ के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। उन्होंने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से इसी सोच के साथ अपने काम को आगे बढ़ाने की अपील की।

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