
महाराष्ट्र में भाषा और धर्म के नाम पर बयानबाजी को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। कांग्रेस नेता और विधायक ज्योति गायकवाड ने राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे के हालिया बयान की तीखी आलोचना की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि नितेश राणे जनता के असल मुद्दों से ध्यान भटकाकर सिर्फ धार्मिक और भाषाई विद्वेष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
मदरसों में मराठी पढ़ाने के बयान पर विवाद
दरअसल, नितेश राणे ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि मदरसों में भी मराठी पढ़ाई जानी चाहिए। इस बयान को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक राज्य में ऐसे बयान गैर जरूरी विवाद पैदा करने वाले हैं। उन्होंने कहा, “हम हर भाषा का सम्मान करते हैं। महाराष्ट्र में मराठी हमारी मातृभाषा है, लेकिन यहां हिंदी, उर्दू, गुजराती, कोंकणी जैसी कई भाषाएं बोली जाती हैं। हर भाषा को सम्मान देना हमारी परंपरा है। नितेश राणे को यह समझना चाहिए कि भाषा या धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ठीक नहीं है।”
‘जनता के असल मुद्दों पर बात करें नेता’
ज्योति गायकवाड ने नितेश राणे की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब जनता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्या, महिलाओं की सुरक्षा जैसे असल मुद्दों पर जवाब चाहती है, तब ये नेता केवल धार्मिक और भाषाई भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, “नितेश राणे कभी बेरोजगारी पर क्यों नहीं बोलते? क्यों नहीं बोलते कि युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? क्यों नहीं बोलते कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम कब मिलेगा?”
‘महाराष्ट्र की जनता अब सब समझती है’
कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता अब नेताओं के चाल, चरित्र और चेहरे को अच्छे से पहचानती है। उन्होंने कहा, “यह 70 के दशक का महाराष्ट्र नहीं है। अब जनता सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यम से हर नेता के बयानों और कामकाज पर नजर रखती है। कोई भी नेता इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान देकर अब जनता को गुमराह नहीं कर सकता। हमें मिलकर समाज को जोड़ने की जरूरत है, न कि तोड़ने की।”
‘मंत्री पद की गरिमा समझें नितेश राणे’
ज्योति गायकवाड ने नितेश राणे को मंत्री पद की गरिमा याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि उनकी हर बात से समाज पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा, “आप मंत्री हैं। आपको सोचना चाहिए कि आपके बयान से समाज में क्या संदेश जाएगा। सत्ता में रहकर समाज को जोड़ने का काम होना चाहिए, न कि भाषा या धर्म के नाम पर दीवारें खड़ी करने का।”
‘महाराष्ट्र की विविधता को सम्मान दें’
कांग्रेस विधायक ने अंत में कहा कि महाराष्ट्र की खूबसूरती उसकी विविधता में है। “हम सबने मिलकर इस राज्य को संवारा है। मराठी ही नहीं, यहां हर धर्म और भाषा के लोग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। किसी को भी अधिकार नहीं कि वह इस एकता को तोड़ने की कोशिश करे। ऐसे बयानों से राजनीति करने वालों को जनता जल्द ही आईना दिखा देगी।”

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