
महाराष्ट्र सरकार जल्द ही राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर विचार कर रही है। इस पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि देश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्म बदलवाना एक गंभीर मुद्दा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
“धर्मांतरण पर संविधान में स्पष्ट प्रावधान”
संजय निरुपम ने कहा कि भारत के संविधान में धर्मांतरण को लेकर पहले से ही स्पष्ट नियम हैं। उन्होंने कहा, “आज हम एक आज़ाद देश में हैं। किसी भी नागरिक का जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराना पूरी तरह से असंवैधानिक है। महाराष्ट्र सरकार का प्रस्तावित कानून इस दिशा में अहम कदम होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र ऐसा कानून लाने वाला 11वां राज्य बन जाएगा।
उत्तराखंड में गीता पाठ पढ़ाने का स्वागत
संजय निरुपम ने उत्तराखंड सरकार के उस फैसले की भी तारीफ की जिसमें सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि “गीता में जीवन को सही दिशा देने वाले सूत्र छिपे हैं। बच्चों को शुरुआत से ही गीता के श्लोक और उनके अर्थ समझाने चाहिए। इससे उनके व्यक्तित्व निर्माण में मदद मिलेगी और वे बेहतर नागरिक बनेंगे।”
फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई को बताया सराहनीय
उत्तराखंड में हाल ही में 300 से ज्यादा फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी पर संजय निरुपम ने कहा कि धर्म के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने कहा, “ऐसे फर्जी बाबा और मौलवी धर्म को बदनाम करते हैं। उत्तराखंड सरकार ने उन पर सख्त कदम उठाकर एक उदाहरण पेश किया है। देश के अन्य राज्यों को भी इससे सबक लेना चाहिए और फर्जी धर्मगुरुओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
भारत-चीन वार्ता में पाकिस्तान बड़ा मुद्दा
संजय निरुपम ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के चीन दौरे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच बातचीत में पाकिस्तान और आतंकवाद का मुद्दा सबसे अहम रहेगा। “पाकिस्तान लगातार भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देता है और चीन उसका समर्थन करता है। ऐसे में यह जरूरी है कि भारत-चीन द्विपक्षीय वार्ता में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा मजबूती से उठाया जाए,” उन्होंने कहा।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर जताया गर्व
अंतरिक्ष से सुरक्षित लौटे भारतीय यात्री शुभांशु शुक्ला के बारे में बात करते हुए संजय निरुपम ने कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। “शुक्ला ने करीब 1 लाख 40 हजार किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में मानव समाज के विकास के लिए अहम अध्ययन किए। उनकी और उनकी टीम की सुरक्षित वापसी भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक है। हम उनका हार्दिक स्वागत करते हैं और उनके योगदान को नमन करते हैं,” निरुपम ने कहा।
देश में सामाजिक समरसता जरूरी
संजय निरुपम ने अंत में कहा कि देश में धर्म, जाति या भाषा के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिशें हमेशा से हो रही हैं। ऐसे में धर्मांतरण रोकने, फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई और बच्चों को जीवनमूल्य आधारित शिक्षा देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का प्रस्तावित कानून न केवल जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगाएगा बल्कि सामाजिक समरसता को भी मजबूत करेगा।

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