
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग के मामले में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद अतुल राय की मुश्किलें और बढ़ाने जा रहा है। ईडी ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी अतुल राय की करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियों की पहचान कर ली है, जिन पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच एजेंसी इन संपत्तियों के पीछे की मनी ट्रेल को खंगाल रही है और इससे जुड़े राजस्व अभिलेखों की जांच की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।
कंपनियों के जरिये संपत्ति खरीदने का आरोप
ईडी के अनुसार, अतुल राय ने अपने प्रभाव और नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए तीन कंपनियों – मेसर्स कुसुम विजन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, स्पेक्ट्रम इंझाव सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और कुसुम कंस्ट्रक्शन एंड टेलीकॉम सर्विसेज के जरिए संपत्ति खरीदी थी। इन कंपनियों के खातों में माफिया मुख्तार अंसारी की कंपनियों से बड़ी मात्रा में रकम ट्रांसफर की गई थी। इस पैसे का उपयोग विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्ति खरीदने में किया गया। ईडी अब तक दिल्ली, गाजीपुर और वाराणसी में स्थित छह अचल संपत्तियों को अटैच कर चुका है।
मुख्तार अंसारी का बहनोई आतिफ रजा भी ईडी के निशाने पर
ईडी ने माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज करने के बाद जो जांच शुरू की थी, उसमें उसके बहनोई आतिफ रजा का नाम भी सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, आतिफ रजा विकास कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी में शामिल है, जिसके जरिए सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर गोदाम बनाया गया और बाद में उसे एफसीआई को किराए पर दे दिया गया। इस कड़ी में ईडी आतिफ रजा के खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है।
मुख्तार की पत्नी अफ्शा अंसारी अभी भी वांछित
मनी लांड्रिंग मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी भी वांछित चल रही हैं। दो वर्ष पूर्व ईडी ने उन्हें समन भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुईं। सूत्रों के अनुसार, अब ईडी अफ्शा अंसारी के नाम दर्ज संपत्तियों की जांच कर उन्हें अटैच करने की प्रक्रिया में है। एजेंसी का मानना है कि इन संपत्तियों में भी अवैध धन लगाया गया है।
ईडी की सख्ती, गिरते नेटवर्क की कहानी
ईडी की यह कार्रवाइयां साफ इशारा कर रही हैं कि राजनीतिक पहुंच और आपराधिक गठजोड़ के सहारे खड़ी की गई संपत्ति और साम्राज्य अब कानून की जद में आ चुके हैं। अतुल राय, मुख्तार अंसारी, आतिफ रजा और अफ्शा अंसारी पर लगातार शिकंजा कसने से यह संदेश भी जा रहा है कि अवैध धन और ताकत का खेल अब ज्यादा दिन नहीं चलेगा।

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