
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित एक निजी यूनिवर्सिटी में बीडीएस की छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक छात्रा के परिजनों और अन्य छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। छात्रा शुक्रवार को हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटकी मिली थी।
सुबह बात हुई, शाम को नहीं उठा फोन
मृतका की मां ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8 बजे उनकी बेटी से बातचीत हुई थी और वह सामान्य लग रही थी। लेकिन जब शाम को 5:30 बजे उन्होंने फोन किया, तो कोई जवाब नहीं मिला। अगले दिन सुबह उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।
पुलिस की मौजूदगी से पहले शव हटाया गया: परिजन
छात्रा के भाई ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि परिजनों को सुबह करीब साढ़े नौ बजे खबर दी गई। जब वे मौके पर पहुंचे, तब तक पुलिस नहीं पहुंची थी, और शव पहले ही हटा दिया गया था। उन्होंने पूछा कि बिना पुलिस और डॉक्टर की मौजूदगी के यूनिवर्सिटी ने शव कैसे हटा दिया?
मानसिक दबाव और शिक्षक की प्रताड़ना का आरोप
परिजनों ने बताया कि छात्रा मानसिक दबाव में थी और शिक्षकों द्वारा परेशान की जा रही थी। छात्रा ने खुद बताया था कि शिक्षकों ने कहा था, “तुम खुद साइन ले लो, हम नहीं करेंगे, तुम्हें फेल कर देंगे।” छात्रा के सुसाइड नोट में डेंटल विभाग के एक पुरुष और एक महिला शिक्षक पर मानसिक प्रताड़ना के सीधे आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस लाठीचार्ज और घायल परिजन
शनिवार को जब परिजनों और छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रा की मां, पिता, भाई और अन्य रिश्तेदारों को चोटें आईं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी भाभी को धक्का देकर गिरा दिया और बर्बरता से मारपीट की।
पूर्व की घटनाओं का हवाला, न्याय की मांग
मृतक छात्रा की मां ने बताया कि इससे पहले ओडिशा की एक छात्रा की आत्महत्या को भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दबा दिया था। उन्होंने कहा कि अगर तब कार्रवाई होती, तो आज उनकी बेटी जीवित होती। परिजनों ने मांग की है कि इस बार निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
पुलिस जांच में जुटी, सुसाइड नोट की हो रही जांच
फिलहाल पुलिस ने छात्रा का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तथ्यों के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
छात्रा की आत्महत्या ने शिक्षा संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और प्रशासन की जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब परिजन और छात्र यूनिवर्सिटी से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि पुलिस जांच के निष्कर्षों का सभी को इंतजार है।

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