
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के साथ एडीएम की कथित बदसलूकी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना पर शनिवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रशासन की कार्यशैली पर कड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अधिकारी की मनमानी नहीं, बल्कि सरकार की सोच भी हो सकती है।
“सरकार ने कहा है क्या कि सांसदों से बदतमीजी करो?”
मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा, “क्या यह अधिकारी की व्यक्तिगत सोच थी, या सरकार ने कहा है कि सांसदों और विधायकों के साथ बदतमीजी करनी है?” उन्होंने इकरा हसन की सादगी की सराहना करते हुए कहा कि वे बेहद शांत और विनम्र स्वभाव की हैं, फिर भी उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया गया, यह अत्यंत निंदनीय है।
संसद सत्र में उठेगा मामला, महापंचायत का समर्थन
टिकैत ने कहा कि यह मुद्दा संसद सत्र में जरूर उठेगा। उन्होंने समाजवादी पार्टी द्वारा इस मुद्दे पर महापंचायत बुलाने के फैसले का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, “जब एक सांसद के साथ गलत व्यवहार होता है, तो यह पार्टी का अधिकार है कि वह जनसमर्थन से अपनी बात रखे।”
अधिकारियों और विधायकों के बीच खींचतान पर भी टिप्पणी
टिकैत ने उत्तर प्रदेश में लगातार देखने को मिल रही अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच की तनातनी पर भी व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कुछ विधायकों के तो कपड़े तक फाड़ दिए और वे महीनों फटे कपड़ों में घूमते रहे। उन्होंने इशारों में लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर का नाम लिए बिना तंज कसा।

कांवड़ यात्रा में सख्ती पर भी सरकार को घेरा
राकेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे और बाइकों पर पुलिस सख्ती को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह भाजपा की सरकार है, अगर इसमें कांवड़ यात्रा नहीं चल पाएगी तो फिर कब चलेगी?” हरियाणा से आने वाले श्रद्धालुओं की बाइकों को जब्त किया जा रहा है, साइलेंसर उतारने पर चालान किए जा रहे हैं, जो अनुचित है।
सरकार की दोहरी नीति पर सवाल
टिकैत ने कहा कि ऊपर से हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे हैं, लेकिन नीचे सड़कों पर चालान काटे जा रहे हैं। सरकार की नीति विरोधाभासी है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी सख्ती जारी रही तो किसान यूनियन कांवड़ियों के समर्थन में आंदोलन करेगी।
शांतिपूर्ण यात्रा के लिए टिकैत की पहल
टिकैत ने बताया कि उन्होंने खुद भंडारे चलवाए हैं और यात्रा को शांतिपूर्ण व व्यवस्थित रूप से संचालित कराने में सहयोग किया है। लेकिन, अगर पुलिस प्रशासन का रवैया यही रहा, तो मजबूरी में आंदोलन होगा। उन्होंने प्रशासन से जनता की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की।
सपा सांसद इकरा हसन के साथ हुए व्यवहार ने जहां प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं राकेश टिकैत की तीखी प्रतिक्रिया ने इसे राजनीतिक बहस का विषय बना दिया है। अब देखना यह है कि यह मुद्दा संसद में कितना प्रभाव डालता है और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



