
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई (सोमवार) से शुरू होने जा रहा है। सत्र की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने आज (20 जुलाई) सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक का मुख्य उद्देश्य विपक्षी दलों से सहयोग मांगना और संसद के कामकाज को बिना बाधा के चलाने के लिए सामूहिक रणनीति बनाना है।
21 दिन चलेगा सत्र, कई महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश
मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें दोनों सदनों की कुल 21 बैठकें निर्धारित की गई हैं। यह 18वीं लोकसभा का 5वां सत्र होगा। इस दौरान सरकार की योजना है कि कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए सदन में पेश किया जाए।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि इस सत्र में जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025, और मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024 जैसे प्रमुख विधेयक लाए जाएंगे, जो प्रशासनिक सुधार और देश के विकास से जुड़े हैं।
विपक्ष की तैयारी: सुरक्षा, बेरोजगारी और ट्रंप के बयान होंगे मुद्दे
सरकार की तरफ से सहयोग का हाथ बढ़ाया गया है, लेकिन विपक्ष ने भी संकेत दिए हैं कि वह इस सत्र में कई तेज मुद्दे उठाने की योजना बना रहा है। ‘इंडिया’ गठबंधन पहले ही पहलगाम आतंकी हमले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावों, बेरोजगारी, महंगाई, और आर्थिक नीतियों जैसे विषयों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है।
पहलगाम हमले को लेकर विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है, जबकि ट्रंप के बयान ने देश की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर नई बहस छेड़ दी है। ऐसे में सत्र की शुरुआत से ही हंगामेदार माहौल बनने की संभावना जताई जा रही है।
इंडिया गठबंधन ने वर्चुअल बैठक में तय की रणनीति
संसद सत्र से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन ने शनिवार शाम एक वर्चुअल बैठक की, जिसमें सत्र के दौरान साझा रणनीति पर चर्चा हुई। पहले यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन सभी नेताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे ऑनलाइन रूप दिया गया। इस बैठक में कांग्रेस, राजद, सपा, शिवसेना (उद्धव गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष सरकार को घेरने के लिए विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त बयान जारी कर सकता है।
संसद में टकराव तय, लेकिन आम सहमति की उम्मीद
मानसून सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। एक ओर सरकार विकास और प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए विधायी एजेंडा तय कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष जनहित और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने के मूड में है।
हालांकि, सर्वदलीय बैठक के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है कि संसद में टकराव के बजाय संवाद और सहयोग का माहौल बने। अब देखना यह होगा कि रविवार की यह बैठक संसद के मानसून सत्र को कितना शांतिपूर्ण और उत्पादक बना पाती है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



