
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के प्रदेश अध्यक्ष उदित प्रधान को 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी मंचेश्वर पुलिस द्वारा रविवार देर रात की गई। आरोपी को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना 18 मार्च को घटी जब पीड़िता अपनी एक सहेली और सहपाठी के साथ मास्टर कैंटीन स्क्वायर गई थी। वहीं उनकी मुलाकात उदित प्रधान से कराई गई। इसके बाद तीनों लोग उदित के वाहन से नयापल्ली स्थित एक होटल पहुंचे।
होटल में सभी ने शराब पी, लेकिन पीड़िता ने इससे इनकार कर दिया। एफआईआर के अनुसार, उदित ने उसे एक सॉफ्ट ड्रिंक ऑफर किया, जिसमें कथित तौर पर उसने नशीला पदार्थ मिला दिया था। कुछ देर बाद पीड़िता को चक्कर आने लगे और उसने घर जाने की बात कही, लेकिन उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया।
बेहोशी के बाद हुआ दुष्कर्म, दी धमकी
पीड़िता का कहना है कि वह बेहोश हो गई और जब उसे होश आया, तो उसने खुद को संदिग्ध अवस्था में पाया। उसने आरोप लगाया कि उदित प्रधान ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उदित ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और इस घटना को किसी को न बताने के लिए मजबूर किया।
घटना से सदमे में आई पीड़िता ने पहले पुलिस में शिकायत नहीं की, लेकिन बाद में साहस जुटाकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने केस को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
उदित प्रधान की गिरफ्तारी से ओडिशा की राजनीति में हड़कंप मच गया है। एनएसयूआई कांग्रेस पार्टी का छात्र संगठन है और इसका अध्यक्ष ऐसे गंभीर आरोप में फंसे, इससे पार्टी की छवि को गहरा धक्का लगा है। पार्टी की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
यह मामला उस समय सामने आया है जब हाल ही में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के छात्र नेता मोनोजीत मिश्रा को भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस केस में साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में ही दुष्कर्म किया गया था।
पुलिस जांच जारी, आगे की कार्रवाई होगी कठोर
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है। सभी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं, और पीड़िता के बयान को प्राथमिक सबूत माना गया है। आरोपी की मेडिकल जांच और होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कानून के अनुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे आरोपी किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो।
यह घटना एक बार फिर से छात्र राजनीति और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह ज़रूरी है कि कानून का राज स्थापित हो और पीड़ित को न्याय मिले, साथ ही दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जाए।

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