
गुजरात सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के लाखों परिवारों को बड़ी राहत देते हुए ‘स्वामित्व योजना’ के तहत अब संपत्ति की सनद (स्वामित्व प्रमाण पत्र) मुफ्त देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह फैसला भूमि राजस्व अधिनियम 1879 के प्रावधानों के तहत लिया, जिससे पहले लगने वाला ₹200 का शुल्क अब पूरी तरह माफ कर दिया गया है।
25 लाख ग्रामीण संपत्ति धारकों को मिलेगा फायदा
इस निर्णय से राज्य के लगभग 25 लाख ग्रामीण संपत्ति धारकों को लाभ मिलेगा, जिनके ऊपर अब तक यह आर्थिक बोझ था। पहले केवल प्रॉपर्टी कार्ड की प्रति मुफ्त मिलती थी, जबकि सनद के लिए शुल्क देना पड़ता था। अब दोनों ही दस्तावेज बिना किसी शुल्क के उपलब्ध होंगे।
ड्रोन तकनीक से हो रहा सर्वे, मिलेगा कानूनी अधिकार
स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों का डिजिटल सर्वेक्षण कर प्रॉपर्टी कार्ड और मालिकाना हक देना है। ड्रोन तकनीक की मदद से गांवों की आबादी वाले क्षेत्रों में संपत्तियों की मैपिंग की जाती है, जिससे विवाद रहित, पारदर्शी और कानूनी दस्तावेज तैयार हो सकें।
50 करोड़ रुपये का खर्च उठाएगी सरकार
गुजरात सरकार इस पहल के लिए 50 करोड़ रुपये का खर्च खुद वहन करेगी। इस आर्थिक सहयोग से न सिर्फ ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि यह राज्य के ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक अहम कदम है।
आर्थिक सशक्तिकरण और विवाद रहित भविष्य की दिशा में पहल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का यह निर्णय गांवों में रहने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलने से संपत्ति विवादों में कमी, बैंक से ऋण लेने में आसानी और सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में सरलता जैसे कई लाभ मिलेंगे।
स्वामित्व योजना को लेकर गुजरात सरकार का यह संवेदनशील निर्णय ग्रामीण जनता को कानूनी सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सम्मान की ओर ले जाने वाला एक ठोस कदम है। यह पहल न केवल एक दस्तावेज प्रदान करती है, बल्कि गांवों की आर्थिक रीढ़ को मज़बूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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