
झारखंड में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सक्रिय न रहने वाले पंजीकृत राजनीतिक दलों की समीक्षा शुरू की है। इसी क्रम में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने ऐसे सात पंजीकृत, परंतु गैर-मान्यता प्राप्त दलों की सूची बनाई, जिनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। इन दलों को 22 जुलाई को सुनवाई के लिए बुलाया गया था, लेकिन पांच दलों के प्रतिनिधि सुनवाई में नहीं पहुंचे।
केवल दो दलों ने दी सफाई, शपथ पत्र भी सौंपा
22 जुलाई को हुई व्यक्तिगत सुनवाई में केवल जनसाधारण पार्टी और झारखंड विकास दल के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्होंने आयोग के समक्ष शपथ पत्र और लिखित जवाब प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी पार्टियां अभी भी सक्रिय हैं और भविष्य में चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेंगी।
इन पांच दलों पर लटक रही तलवार
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से भेजे गए नोटिस और सार्वजनिक सूचनाओं के बावजूद भारत विकास मोर्चा, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नवजवान संघर्ष मोर्चा और राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी जैसे दल कोई जवाब नहीं दे सके। इन दलों को 15 जुलाई 2025 तक आवश्यक दस्तावेज और शपथ पत्र जमा करने का समय दिया गया था, लेकिन यह तिथि भी बीत चुकी है।
पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया होगी शुरू
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार, जिन दलों ने सुनवाई में भाग नहीं लिया और कोई लिखित पक्ष प्रस्तुत नहीं किया, उनके खिलाफ अब भारत निर्वाचन आयोग को पंजीकरण निरस्त करने की अनुशंसा भेजी जाएगी। इससे पहले संबंधित दलों को उनके पंजीकृत पते पर नोटिस भेजा गया था, और समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से भी सूचना दी गई थी।
सक्रिय दलों को ही मिलेगा पंजीकरण में स्थान
चुनाव आयोग का यह कदम मतदाता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए है। आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि केवल वही राजनीतिक दल पंजीकृत सूची में शामिल रहें जो सक्रिय हों और जिनका पता व संपर्क विवरण सही हो।
निष्क्रिय दलों की सूची से सफाई की तैयारी
झारखंड में निष्क्रिय हो चुके राजनीतिक दलों को हटाने की यह कार्रवाई व्यापक चुनाव सुधार प्रक्रिया का हिस्सा है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि किसी फर्जी या निष्क्रिय दल के नाम पर चुनावी प्रणाली का दुरुपयोग न हो सके। चुनाव आयोग अब ऐसे दलों की सूची से सफाई के मूड में है।

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