
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति, राज्य के अधिकारों और आगामी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
फेसबुक पर साझा की तस्वीरें और संदेश
राहुल गांधी ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने फेसबुक पेज पर साझा करते हुए लिखा, “आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात और चर्चा की। प्रदेश के लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनके हित के लिए कांग्रेस पूरी तरह समर्पित है।” इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे, जिससे बैठक का महत्व और बढ़ गया।
जंतर-मंतर पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
इससे पहले मंगलवार सुबह जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को प्रमुखता से उठाया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन और क्षेत्र में सत्तावादी व असंवैधानिक रवैये को लेकर तीखी आलोचना की।
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने किया नेतृत्व
इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, कांग्रेस विधायक दल के नेता जीए मीर और एआईसीसी के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रभारी महासचिव डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने किया। नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
राज्य का दर्जा और लद्दाख के लिए विशेष मांगें
कांग्रेस नेतृत्व ने इस अवसर पर दो प्रमुख मांगों को एक बार फिर दोहराया—पहली, जम्मू-कश्मीर को तत्काल पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और दूसरी, लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि वहां के आदिवासी समुदायों और स्थानीय पहचान की रक्षा हो सके। पार्टी ने मानसून सत्र में इन मुद्दों को संसद में जोरदार ढंग से उठाने का ऐलान किया।
दिल्ली पहुंची कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या
प्रदर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर से 500 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने ‘दिल्ली चलो’, ‘हमारी रियासत, हमारा हक’ जैसे नारे लगाकर अपने अधिकारों की मांग की और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व का यह कदम जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज को न सिर्फ सड़कों पर, बल्कि संसद में भी मजबूती से उठाएगी। आने वाले समय में यह मुद्दा राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर से केंद्र में आ सकता है।

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