
भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की तेज़ गिरावट को भारत की आर्थिक मजबूती का प्रमाण बताया। उन्होंने बताया कि बीते चार वर्षों में एनपीए 9.11% से घटकर 2.58% हो गया है, जो एक उल्लेखनीय सुधार है।
यूपीए काल पर भ्रष्टाचार के आरोप
गौरव वल्लभ ने यूपीए शासनकाल के दौरान बैंकिंग प्रणाली में “व्यापक भ्रष्टाचार” का आरोप लगाते हुए कहा कि जब इस व्यवस्था को खत्म किया गया, तो एनपीए में गिरावट के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। उन्होंने कहा कि भारत अब उच्च विकास दर और निम्न मुद्रास्फीति के स्तंभों पर खड़ा है, और अब एक नया स्तंभ — “निम्न एनपीए” — इसमें जुड़ गया है।
एमएसएमई सेक्टर में सुधार पर जोर
गौरव ने यह भी बताया कि एनपीए में सबसे संतोषजनक गिरावट एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में दर्ज की गई है। उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि यह भारत की सुदृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र वैश्विक अर्थव्यवस्था है जो उच्च वृद्धि और कम मुद्रास्फीति के साथ आगे बढ़ रही है।

राहुल गांधी पर सीधा हमला
राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची पर उठाए गए सवालों को लेकर गौरव वल्लभ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “देश की जनता उन्हें वोट नहीं देती, यही उनकी सबसे बड़ी परेशानी है।” वल्लभ ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ना चाहते हैं, जबकि एसआईआर की प्रक्रिया संविधान में विधिवत दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग जब वार्ता के लिए बुलाता है तो राहुल वहां नहीं जाते।
घुसपैठियों पर खर्च को लेकर गंभीर आरोप
वल्लभ ने दावा किया कि राहुल गांधी बिहार के विकास के लिए आवंटित धन को अवैध घुसपैठियों पर खर्च करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भारत में गैरकानूनी तरीके से घुसने वालों का समर्थन नहीं करेगी और बिहार के युवाओं का हक छीनने की कोशिश नहीं होने दी जाएगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर वल्लभ ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने की बात कही है, जिसे सम्मानजनक तरीके से लिया जाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग पहले उनका मज़ाक उड़ाते थे, आज वही सवाल पूछ रहे हैं।
गौरव वल्लभ का बयान ‘मोदीनॉमिक्स’ को एक मजबूत आर्थिक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करता है, जबकि उन्होंने विपक्ष पर तीखे हमले कर राजनीतिक पक्ष स्पष्ट किया है। आर्थिक आंकड़े और सियासी रुख दोनों इस बयान को चर्चा का विषय बना रहे हैं।

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