
भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखते हुए कहा कि वह अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। अगले ही दिन राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
सोशल मीडिया पर अफवाहों का जोर
धनखड़ के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने दावा किया कि उनका आधिकारिक कार्यालय सील कर दिया गया है और उन्हें तुरंत सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे पोस्ट्स तेजी से फैलते गए, जिससे सियासी हलचल और जन भ्रम बढ़ा।
पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने बताया दावा फर्जी
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने इन चर्चाओं की जांच की और स्पष्ट किया कि ये सभी दावे पूरी तरह निराधार हैं। टीम ने कहा कि उपराष्ट्रपति के कार्यालय को सील करने या उन्हें आवास खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी खबर को शेयर करने से पहले उसके स्रोत की पुष्टि करें और भ्रामक जानकारी से बचें। पीआईबी फैक्ट चेक में बताया कि- “गलत जानकारी पर यकीन न करें। हमेशा आधिकारिक स्रोतों से खबर की पुष्टि करें”
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि उन्हें उपराष्ट्रपति सहित कई पदों पर देश की सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने धनखड़ के उत्तम स्वास्थ्य की कामना भी की।
जनता से अपील: अफवाहों से बचें, सच को पहचानें
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सोशल मीडिया पर हर वायरल पोस्ट सच नहीं होता। सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई पुष्टि के बाद यह साफ हो गया है कि जगदीप धनखड़ के कार्यालय से संबंधित अफवाहें पूरी तरह फर्जी थीं। ऐसे में नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे तथ्यों की जांच करें और जिम्मेदारी से सूचना साझा करें।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपजे भ्रम को पीआईबी ने स्पष्ट किया है। ऐसे मामलों में संजीदगी बरतना और सही जानकारी तक पहुंचना बेहद जरूरी है।

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