
मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत से बरी होने के बाद पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शनिवार को मीडिया के सामने अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि जेल में उनके साथ जो हुआ, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। उन्होंने इसे न केवल उनकी व्यक्तिगत लड़ाई बताया, बल्कि भगवा और सनातन धर्म की जीत करार दिया।
प्रज्ञा ठाकुर ने भावुक होते हुए कहा, “मुझे 13 दिनों तक एटीएस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा। इस दौरान मेरे साथ जो शारीरिक और मानसिक अत्याचार किए गए, वो किसी भी संवेदनशील इंसान को झकझोर सकते हैं। मुझ पर ऐसा दबाव बनाया गया कि मैं नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत, इंद्रेश कुमार जैसे नामों को झूठे आरोपों में फंसा दूं।”
उन्होंने कहा कि एटीएस अधिकारियों का उद्देश्य उन्हें झूठ बोलने के लिए मजबूर करना था, ताकि भगवा और राष्ट्रवाद की विचारधारा को बदनाम किया जा सके। “इन लोगों ने कहा कि अगर इन नामों को तुम आरोपी बताओगी, तो तुम्हें नहीं मारेंगे। लेकिन मैंने झूठ नहीं बोला। मैं राष्ट्रभक्त हूं, और देश के लिए जीने-मरने वाली हूं।”
प्रज्ञा ठाकुर ने अदालत के फैसले को सत्य की विजय बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल मेरी नहीं, भगवा और सनातन धर्म की जीत है। यह केस बिना किसी आधार के गढ़ा गया था। इसे सिर्फ एक खास विचारधारा को बदनाम करने के लिए चलाया गया। लेकिन सत्य को कितने भी समय के लिए दबाया जाए, वह अंततः प्रकट होता ही है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कई एटीएस अधिकारियों ने कानून की आड़ में अवैध काम किए और मानवाधिकारों की खुली अवहेलना की। उन्होंने कहा कि वह उन अधिकारियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हैं। “जिन्होंने मुझे सताया, मेरी आस्था का अपमान किया, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। मैं इसके लिए उचित मंच पर लड़ाई लड़ूंगी।”
प्रज्ञा ठाकुर ने यह भी कहा कि देश को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि देशभक्त अब भी खड़े हैं और धर्म के लिए लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने विपक्षी दलों पर भी परोक्ष हमला किया और कहा कि कई लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की साजिश में शामिल थे।
मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान न केवल न्यायिक प्रक्रिया की समीक्षा का कारण बन सकता है, बल्कि राजनीतिक और धार्मिक विमर्श में भी नई बहस को जन्म देने वाला है। उनका यह साफ कहना कि “यह केस एक साजिश था”, निश्चित ही आने वाले समय में राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र रहेगा।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



