
देश के केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से रविवार को राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। सुबह करीब 8:46 बजे नागपुर पुलिस के इमरजेंसी नंबर 112 पर एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें उनके वर्धा रोड स्थित एनरिको हाइट्स आवास को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। कॉल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और पुलिस ने तुरंत गडकरी के घर की तलाशी ली।
प्रताप नगर पुलिस थाना को सूचना देने के बाद भारी पुलिस बल गडकरी के निवास पर पहुंचा। तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन वहां कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। जोन-1 के डीसीपी ऋषिकेश रेड्डी ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात कॉलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तकनीकी माध्यमों से कॉलर की लोकेशन और पहचान की जा रही है।
बढ़ाई गई सुरक्षा, केंद्रीय मंत्री नागपुर में ही मौजूद
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस वक्त केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद नागपुर में ही मौजूद हैं। इस कारण उनकी सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और इंटेलिजेंस विंग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गृह मंत्रालय को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे दी गई है।

सुरक्षा व्यवस्था पर विपक्ष का सवाल
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जब एक केंद्रीय मंत्री खुद अपने ही राज्य में सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?” वहीं राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को धमकियों के पीछे की साजिश और नेटवर्क को बेनकाब करना चाहिए, न कि सिर्फ औपचारिकता निभानी चाहिए।
पहले भी हो चुके हैं धमकी के मामले
गडकरी को धमकी मिलना कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। आरोपी बिहार के बेगूसराय निवासी मोहम्मद मेराज को गिरफ्तार किया गया था।
इसके अलावा 26 जुलाई को मुंबई पुलिस को सीएसएमटी स्टेशन पर बम रखे होने की सूचना मिली थी, लेकिन जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। इन घटनाओं से यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे कॉल सिर्फ मानसिक उत्पीड़न के लिए किए जा रहे हैं या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है।
राजनीतिक संदेश और सुरक्षा व्यवस्था का इम्तिहान
नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ मंत्री, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, उन्हें धमकी मिलना एक गंभीर मसला है। यह केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र के लिए चुनौती है। इस पूरे घटनाक्रम को सिर्फ एक फोन कॉल की तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नितिन गडकरी को मिली धमकी न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का मामला है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक नेतृत्व पर सीधा हमला है। ऐसे मामलों में समयबद्ध कार्रवाई और पारदर्शिता जरूरी है, ताकि जनता का भरोसा बना रहे और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।