
बिहार की राजनीति में चुनावी गर्मी के बीच एक नया विवाद गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर रखने का आरोप लगाकर एनडीए गठबंधन ने चुनाव आयोग से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
रविवार को पटना में एनडीए में शामिल भाजपा, जेडीयू और लोजपा (रामविलास) की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह मामला जोर-शोर से उठाया गया। भाजपा नेता अजय आलोक और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला और इसे “लोकतंत्र के साथ धोखा” करार दिया।
‘एक व्यक्ति, दो EPIC नंबर – यह अपराध है’: अजय आलोक
भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा, “कोई भी व्यक्ति दो वोटर आईडी कार्ड नहीं रख सकता। अगर कोई दो EPIC नंबर रखता है, तो वह भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है। जेल जाने तक का प्रावधान है।”
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने शनिवार को बयान दिया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने तुरंत स्पष्ट किया कि उनका नाम वोटर सूची में दर्ज है। आयोग ने जो EPIC नंबर जारी किया, वह तेजस्वी यादव के पास मौजूद EPIC नंबर से अलग है।

‘फर्जीवाड़े का सबूत है दो EPIC नंबर’: नीरज कुमार
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि यह मामला केवल एक गलती नहीं बल्कि जानबूझकर किया गया फर्जीवाड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के पास दो EPIC नंबर हैं और दोनों नंबरों के पते अलग-अलग हैं। उन्होंने इसे “नई तरह का घोटाला” बताते हुए कहा, “यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि चुनाव प्रक्रिया से खिलवाड़ है।”
नीरज कुमार ने कहा, “तेजस्वी यादव पहले ही सात घोटालों के आरोपी हैं, और अब उन्होंने EPIC घोटाला भी जोड़ लिया है। उन्हें धारा 420 के तहत आरोपी बनाया जाना चाहिए।”
‘चुनाव आयोग को करना चाहिए कठोर कार्रवाई’
अजय आलोक ने चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह मामला केवल तेजस्वी यादव तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “पूरे लालू परिवार के वोटर आईडी कार्ड की जांच होनी चाहिए। कहीं यह फर्जीवाड़ा कोई संगठित योजना तो नहीं?”
‘दोहरा चरित्र उजागर’: नेता प्रतिपक्ष पर तीखी टिप्पणी
प्रेस वार्ता में नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को “अज्ञानी और दोहरे चरित्र वाला नेता” करार देते हुए कहा, “जब कोई नेता दो पहचान लेकर चलता है, तो वह लोकतंत्र और संविधान के साथ धोखा करता है। चुनाव आयोग को इस पर तत्काल केस दर्ज करना चाहिए।”
राजनीतिक हंगामे की संभावनाएं तेज
एनडीए की यह आक्रामकता आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति भी मानी जा रही है। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और युवा वर्ग में उनकी पकड़ को देखते हुए एनडीए उन्हें घेरने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती।
हालांकि तेजस्वी यादव या राजद की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन आने वाले दिनों में यह विवाद बिहार की राजनीति में एक और तूफानी मोड़ ला सकता है।
EPIC नंबर विवाद बिहार की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस गंभीर आरोप पर क्या रुख अपनाता है और तेजस्वी यादव इस आरोपों पर क्या जवाब देते हैं।

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