
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2047 तक राज्य को पूर्ण रूप से विकसित, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का रोडमैप तैयार कर लिया है। बुधवार को विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में पेश हुए विजन डॉक्यूमेंट-2047 पर विस्तृत चर्चा हुई। यह दस्तावेज “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” के लक्ष्य को सामने रखता है।
जीरो पावर्टी से विश्वस्तरीय अवसंरचना तक
संसदीय कार्यमंत्री द्वारा पेश डॉक्यूमेंट के अनुसार, 2047 तक प्रदेश में गरीबी उन्मूलन (जीरो पावर्टी), कृषि समृद्धि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, महिलाओं की रोजगार सहभागिता में वृद्धि और विश्वस्तरीय अवसंरचना का निर्माण प्रमुख लक्ष्य होंगे। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बहुआयामी विकास रणनीतियों पर जोर दिया जाएगा।
2017 से 2025 तक की उपलब्धियां
रिपोर्ट में बताया गया कि 2017 से 2025 के बीच उत्तर प्रदेश ने आर्थिक, औद्योगिक और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 12.71 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, राज्य का स्वयं का कर राजस्व 85,966 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,12,615 करोड़ रुपये हो गया है, जो 147 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव
विजन डॉक्यूमेंट में कृषि क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी गई है। उच्च मूल्य वाली फसलों, कृषि विविधीकरण, डेयरी, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण और ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच दिलाने के लिए अत्याधुनिक कोल्ड चेन नेटवर्क और फूड प्रोसेसिंग हब स्थापित किए गए हैं।
ग्राम पंचायतों को डिजिटाइजेशन के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना है। कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की रणनीति पर काम हो रहा है।
महिला सशक्तिकरण और रोजगार के अवसर
महिलाओं की शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार में भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर है। सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक महिलाओं की रोजगार सहभागिता में उल्लेखनीय वृद्धि हो और वे आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकें।
पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास
प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान को बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है। ‘एडवांस कार्बन क्रेडिट’ योजना के तहत हरित और प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। नदियों का चैनलाइजेशन और अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा को भी विजन डॉक्यूमेंट में विशेष प्राथमिकता दी गई है।

आईटी और औद्योगिक हब का विकास
राज्य में आईटी, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक हब को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को विश्वस्तरीय बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में व्यापक वृद्धि पर भी फोकस होगा।
‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का लक्ष्य
सरकार का मानना है कि 2017 से शुरू हुए विकासात्मक सुधारों ने राज्य को एक मजबूत आधार प्रदान किया है। अब अगले 22 वर्षों में योजनाबद्ध प्रयासों के जरिये उत्तर प्रदेश को ऐसा विकसित राज्य बनाया जाएगा, जो न केवल आत्मनिर्भर होगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी अग्रणी रहेगा।

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