
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी बिहार में ‘वोट अधिकार यात्रा’ शुरू करने जा रही है। इस यात्रा को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने खुलकर समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा गरीबों के अधिकार, मताधिकार की रक्षा और संविधान की मजबूती के लिए जरूरी है।
बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने कहा, “हर नेता को अपनी बात रखने का अधिकार है। महागठबंधन के सभी नेताओं में जनता के बीच जाने और लड़ने की ताकत है। राहुल गांधी ने जनता के बीच जाकर मुद्दे उठाने का फैसला किया है। 17 अगस्त से हम मताधिकार के समर्थन, बिहार के गरीबों की सुरक्षा और संविधान की रक्षा के लिए आगे बढ़ेंगे।”
डबल वोटर आईडी और एसआईआर विवाद पर हमला
पप्पू यादव ने हाल ही में सामने आए डबल एपिक नंबर (वोटर आईडी) और एसआईआर (स्पेशल इलेक्टोरल रिवीजन) विवाद पर भी चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने कहा कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ना जरूरी है ताकि फर्जीवाड़ा खत्म हो सके।
उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि एपिक आईडी को आधार कार्ड से लिंक किया जाए। जब यह लिंक हो जाएगा तो डुप्लीकेट वोटर आईडी का कोई मतलब नहीं रहेगा। सरकार और आयोग इसे क्यों नहीं कर रहे हैं? एक तरफ वे कहते हैं कि 8 लाख डबल वोटर आईडी कार्ड हैं। हमारे नेता राहुल गांधी ने भी कहा है कि ‘वोट की चोरी’ करके भाजपा सत्ता में आई है।”
चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग न तो सीसीटीवी फुटेज देने को तैयार है, न ही पूरी वोटर लिस्ट साझा कर रहा है।
“आयोग यह भी नहीं बता रहा है कि 65 लाख वोट किसके और क्यों काटे गए। बीएलओ के जरिए जो जानकारी इकट्ठा करने की बात कही जाती है, उसमें भी गड़बड़ी है। जब बीएलओ ने लोगों से कोई कागज या पहचान पत्र ही नहीं लिया, तो वोट काटने का आधार क्या था? लगता है पहले से तय कर लिया गया था कि किनका वोट हटाना है,” पप्पू यादव ने कहा।
नए चुनाव की मांग
सांसद ने यह भी कहा कि अगर लोकसभा चुनाव आधार कार्ड पर हुआ है और उसमें गड़बड़ी हुई है, तो मौजूदा लोकसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर चुनाव में खामी है तो चुनाव आयोग को पहले लोकसभा भंग करनी चाहिए और नए सिरे से चुनाव कराने चाहिए। इसके बाद ही एसआईआर कराया जाए। यह लोकतंत्र की मजबूती और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है।”
राहुल गांधी की रणनीति को मिली मजबूती
राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ का उद्देश्य मताधिकार से जुड़ी अनियमितताओं और गरीब तबके के अधिकारों पर हो रहे हमलों को मुद्दा बनाना है। पप्पू यादव के समर्थन से इस अभियान को बिहार में अतिरिक्त राजनीतिक बल मिलने की संभावना है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पप्पू यादव के जुड़ने से कांग्रेस का संदेश बिहार के ग्रामीण और गरीब तबकों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचेगा, क्योंकि पप्पू यादव का पूर्वी बिहार और कोसी क्षेत्र में मजबूत जनाधार माना जाता है।
महागठबंधन में एकजुटता का संदेश
पप्पू यादव के इस बयान को महागठबंधन में एकजुटता के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि वे निर्दलीय सांसद हैं, लेकिन महागठबंधन के कई मुद्दों पर वे पहले भी कांग्रेस और राजद के साथ खड़े रहे हैं।
राहुल गांधी की यह यात्रा 17 अगस्त से शुरू होकर बिहार के विभिन्न जिलों में जाएगी। यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों, वोट कटौती, और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों को लेकर जनसमर्थन जुटाएंगे।
पप्पू यादव का राहुल गांधी के अभियान को खुला समर्थन न केवल कांग्रेस के लिए राजनीतिक लाभकारी हो सकता है, बल्कि यह बिहार में विपक्षी एकता के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत है। चुनावी पारदर्शिता, मताधिकार की रक्षा और गरीबों के अधिकार जैसे मुद्दों पर यह यात्रा आने वाले समय में राज्य की राजनीति में बड़ा विमर्श खड़ा कर सकती है।

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