
गुजरात के सूरत जिले के रांदेर क्षेत्र स्थित रामनगर के उस इलाके में, जिसे लंबे समय से ‘पाकिस्तानी मोहल्ला’ के नाम से जाना जाता था, अब एक नया इतिहास रचा गया है। इस मोहल्ले में रहने वाले सैकड़ों सिंधी परिवारों को आखिरकार वह पहचान मिल गई, जिसका वे दशकों से इंतजार कर रहे थे। अब यह क्षेत्र आधिकारिक रूप से ‘हिंदुस्तानी मोहल्ला’ के नाम से जाना जाएगा।
10 साल की कोशिशों के बाद सफलता
सूरत पश्चिम से विधायक और गुजरात सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी के निरंतर प्रयासों के बाद यह बदलाव संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि इस नाम परिवर्तन के लिए पिछले 10 वर्षों से प्रयास जारी थे। वर्ष 2018 में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी के कारण अब जाकर यह अमल में आ सका।
पूर्णेश मोदी ने नए नाम का बोर्ड अनावरण करते हुए कहा- “यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। अब इस मोहल्ले के निवासी गर्व से कह सकेंगे कि वे ‘हिंदुस्तानी मोहल्ला’ में रहते हैं। आने वाले दिनों में यहां विशेष शिविर लगाकर निवासियों के दस्तावेजों में भी नाम परिवर्तन किया जाएगा।”
स्थानीय लोगों में उत्साह और गर्व
मोहल्ले का नाम बदलने के बाद से स्थानीय लोगों में खुशी और गर्व की लहर है। सुदामा लाल भोलानी ने कहा कि पहले पते का जिक्र करते समय झिझक महसूस होती थी, लेकिन अब गर्व से बताया जा सकता है कि वे ‘हिंदुस्तानी मोहल्ला’ के निवासी हैं।
पवन हसीजा ने भी भावुक होते हुए कहा- “यह हमारे लिए सम्मान की बात है। नई पहचान हमें देश के प्रति गर्व का अहसास कराती है।”

सागर पटेल के मुताबिक, यह केवल एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि समुदाय को नई ऊर्जा और आत्मसम्मान देने वाला कदम है। वहीं, भरत जेठवानी ने कहा- “हम सिंधी लोग बंटवारे के बाद से यहां रह रहे हैं। ‘पाकिस्तानी मोहल्ला’ कहलाना हमारे लिए असहज था। अब ‘हिंदुस्तानी मोहल्ला’ नाम से हमारी पहचान भारत के साथ जुड़ गई है।”
ऐतिहासिक महत्व और सामाजिक संदेश
स्थानीय निवासी दिव्या पटेल ने कहा कि यह बदलाव गर्व का क्षण है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक होगा। नीतू गांगुली, जो यहां 20 साल से रह रही हैं, ने कहा- “हम हिंदुस्तानी हैं और अब हमारा मोहल्ला भी हमारी इस पहचान को दर्शाता है।”
पहचान से जुड़ी भावनाएं
यह नाम परिवर्तन केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि यह उन सैकड़ों परिवारों की भावनाओं से जुड़ा है, जिन्होंने बंटवारे के बाद भारत में नया घर बसाया। वर्षों तक ‘पाकिस्तानी मोहल्ला’ कहलाने का बोझ उठाने के बाद अब उन्हें अपनी भारतीयता को गर्व से व्यक्त करने का अवसर मिला है। सूरत के रांदेर में ‘हिंदुस्तानी मोहल्ला’ नाम न केवल भूगोल का बदलाव है, बल्कि यह उन परिवारों के आत्मसम्मान और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है, जो अब पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं — हम हिंदुस्तानी हैं।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



