
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ओडिशा के प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट और पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट को अपनी अनूठी कलाकृतियों से देशभक्ति के रंग में रंग दिया। इस बार उनकी कृतियों में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को दर्शाने वाली रेत मूर्ति, जिसने भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक कौशल की झलक प्रस्तुत की।
रेत पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जीवंत चित्रण
इस खास कलाकृति में पटनायक ने राफेल लड़ाकू विमानों को दुश्मन के ठिकानों पर हमला करते हुए दर्शाया। कलात्मक अंदाज में बनाई गई यह मूर्ति लाल बिंदी और भारत के नक्शे के माध्यम से राष्ट्रीय गर्व की भावना को प्रकट करती है। मूर्ति में राफेल विमानों की आक्रामक उड़ान, बमबारी के दृश्य और भारत के हृदय में अंकित लाल बिंदी, देश की सामरिक क्षमता और निडरता का प्रतीक है।
सुदर्शन पटनायक ने कहा- “इस स्वतंत्रता दिवस पर मेरी कोशिश थी कि मैं अपनी कला के जरिए भारत की ताकत, नवाचार और देशभक्ति को दुनिया के सामने पेश करूं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हमारे देश की रणनीतिक प्रतिभा और साहस का प्रमाण है। मुझे उम्मीद है कि इसे देखकर हर भारतीय गर्व महसूस करेगा।”
कलाकृति के निचले हिस्से में उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का संदेश उकेरा, जो मूर्ति को और भी प्रेरणादायी बनाता है।
रेत पर विज्ञान और देशभक्ति का संगम
पटनायक की यह कृति केवल कलात्मक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि विज्ञान और रक्षा तकनीक के प्रति जागरूकता जगाने के उद्देश्य से भी बनाई गई। राफेल लड़ाकू विमानों के आकार, उनकी गति और हमले के कोण को बारीकी से उकेरना, एक तरह से सैन्य अभियानों की सटीकता का कलात्मक रूपांतरण था। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेरणा उन्हें हाल ही में हुए भारत के सफल सैन्य अभियानों से मिली। यह नाम साहस, बलिदान और रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रतीक है।
पहले भी रची हैं देशभक्ति से ओत-प्रोत मूर्तियां
इससे पहले भी सुदर्शन पटनायक अपनी कला के माध्यम से देशभक्ति के कई उदाहरण पेश कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने पुरी समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की एक भव्य रेत मूर्ति बनाई थी, जिसमें भक्ति, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का अद्भुत संगम देखने को मिला। करीब 6 फीट ऊंची इस मूर्ति में भगवान जगन्नाथ को ‘पद्मवेश’ (कमल की पोशाक) में सजाया गया था। पृष्ठभूमि में रक्षाबंधन का प्रतीकात्मक रूपांकन था, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन को दर्शाता था। यह कलाकृति न केवल धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करती थी, बल्कि एकता और सांस्कृतिक विरासत का संदेश भी देती थी।
देशवासियों में बढ़ा जोश
पुरी समुद्र तट पर स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हजारों की संख्या में लोग इन कलाकृतियों को देखने पहुंचे। पर्यटक और स्थानीय लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मूर्ति के सामने खड़े होकर तस्वीरें लेते नजर आए। कई लोगों ने कहा कि यह सिर्फ कला नहीं, बल्कि देश की शौर्य गाथा को रेत में गढ़ा गया एक जीवंत दस्तावेज है।
एक दर्शक ने कहा- “इस मूर्ति को देखकर हमें भारतीय सेना की ताकत और कलाकार की भावनाओं का अंदाजा होता है। यह स्वतंत्रता दिवस को और खास बना देता है।”
कला के जरिए राष्ट्रभक्ति का संदेश
सुदर्शन पटनायक की कृतियां हमेशा से सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों को उठाने के लिए जानी जाती हैं। चाहे वह प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता हो, पर्यावरण संरक्षण का संदेश हो, या फिर सैन्य बलों के साहस का सम्मान — उनकी रेत मूर्तियां हमेशा एक गहरी सोच और भावना को दर्शाती हैं।
इस स्वतंत्रता दिवस पर, उनकी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कलाकृति ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कला केवल सौंदर्य का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और प्रेरणा का सशक्त उपकरण भी हो सकती है।

नेता और नेतागिरि से जुड़ी खबरों को लिखने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। गांव-गिरांव की छोटी से छोटी खबर के साथ-साथ देश की बड़ी राजनीतिक खबर पर पैनी नजर रखने का शौक है। अखबार के बाद डिडिटल मीडिया का अनुभव और अधिक रास आ रहा है। यहां लोगों के दर्द के साथ अपने दिल की बात लिखने में मजा आता है। आपके हर सुझाव का हमेशा आकांक्षी…



