
पूरे देश में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। मंदिरों में घंटियों की गूंज और भक्ति संगीत के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। राजनीतिक जगत भी इस आस्था के रंग में रंगा नजर आया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं और भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों का स्मरण किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दिया राष्ट्र निर्माण का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर देशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने लिखा— “जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान श्रीकृष्ण ने सम्पूर्ण मानवता को धर्म के अनुसार कर्तव्य मार्ग पर चलते हुए सभी प्राणियों के हित में लगे रहने का मार्ग दिखाया है। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर सभी यह संकल्प लें कि भगवान श्रीकृष्ण के दिखाए मार्ग का अनुसरण करेंगे तथा समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाएंगे।”
राष्ट्रपति का यह संदेश जन्माष्टमी को केवल धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणा का पर्व बताने वाला रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया ऊर्जा और उत्साह का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा— “सभी देशवासियों को जन्माष्टमी की असीम शुभकामनाएं। आस्था, आनंद और उमंग का यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे। जय श्री कृष्ण!”
प्रधानमंत्री ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी श्रीकृष्ण का उल्लेख किया था। लाल किले से उन्होंने ‘सुदर्शन चक्र’ मिशन का जिक्र किया था, जिसे उन्होंने भगवान कृष्ण के शस्त्र से जोड़ा।
केंद्रीय नेताओं ने किया स्मरण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान कृष्ण के जीवन को धर्म, नीति और लोककल्याण का प्रतीक बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा— “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की! धर्म, नीति और लोककल्याण के प्रतीक भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हर भारतीय को सत्य और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में प्रार्थना की कि जन्माष्टमी का यह पर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आए। वहीं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसे प्रेम और भक्ति के संचार का अवसर बताया।
राज्यों के मुख्यमंत्रियों के संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा— “सर्वजनीन गुरु कृष्ण को मेरा नमन! कृष्ण, समस्त ब्रह्मांड के आधार, चंचल और परम योगी हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांसुरी वादक सभी के जीवन में प्रेम, करुणा और भक्ति का संचार करें और संपूर्ण सृष्टि का कल्याण करें।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण सत्य, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं और उनकी पूजा से समाज में सद्भाव और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
जन्माष्टमी का सांस्कृतिक महत्व
हर साल जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर में मंदिरों को सजाया जाता है, भक्त उपवास और भजन-कीर्तन करते हैं। आधी रात को भगवान कृष्ण की मूर्तियों का ‘झूलन उत्सव’ और ‘दही हांडी’ जैसे आयोजन श्रद्धा और आनंद का माहौल बनाते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी केवल धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि जीवन के लिए प्रेरणा है। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने इस अवसर पर जो संदेश दिए, उनमें भक्ति के साथ-साथ कर्तव्य, नीति और राष्ट्र निर्माण का आह्वान भी था। इस बार का जन्माष्टमी पर्व बताता है कि भगवान कृष्ण की शिक्षाएं आज भी राजनीति, समाज और संस्कृति में उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी हजारों वर्ष पहले थीं।

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