
राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान अब और भी आकर्षक हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां तीन नए हिस्सों— प्लूमेरिया गार्डन, बरगद ग्रोव और बैबलिंग ब्रूक— का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक एक्स अकाउंट से दी गई जानकारी के अनुसार ये तीनों आकर्षण आम जनता के लिए 14 सितंबर 2025 तक खुले रहेंगे।
नए आकर्षण की झलक
राष्ट्रपति भवन प्रशासन के अनुसार, प्लूमेरिया गार्डन को विशेष ढंग से तैयार किया गया है, जहां घास के टीले और चयनित वृक्षारोपण इसकी शोभा बढ़ाते हैं। बरगद ग्रोव में रिफ्लेक्सोलॉजी पथ, पंचतत्व पथ और वन-प्रेरित ध्वनि परिदृश्य का अनुभव आगंतुकों को मिलेगा। वहीं बैबलिंग ब्रूक का डिजाइन सबसे अनूठा है, जिसमें झरनों, मूर्तिकला की टोंटियों, सीढ़ीनुमा पत्थरों और एक उभरे हुए परावर्तक कुंड का सुंदर मेल किया गया है। इन नई व्यवस्थाओं को इस तरह से तैयार किया गया है कि लोग प्रकृति के करीब आकर सुकून महसूस करें और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ाव का अनुभव कर सकें।
ग्रीष्मकालीन वार्षिकोत्सव
इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को अमृत उद्यान ग्रीष्मकालीन वार्षिक संस्करण 2025 का उद्घाटन किया था। यह उत्सव 16 अगस्त से 14 सितंबर 2025 तक आयोजित हो रहा है। इस दौरान उद्यान सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा। हालांकि सोमवार को देखभाल के लिए उद्यान बंद रहेगा।
प्रवेश और सुविधाएं
अमृत उद्यान में प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क है, लेकिन इसके लिए पंजीकरण अनिवार्य है। आगंतुक राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा, गेट नंबर 35 पर स्थित स्वयं सेवा कियोस्क से भी सीधे पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।
प्रवेश नॉर्थ एवेन्यू रोड के पास स्थित गेट नंबर 35 से किया जाएगा। सुरक्षा नियमों के तहत आगंतुक मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक चाबियां, पर्स, हैंडबैग, पानी की बोतलें, बच्चों की दूध की बोतलें और छाते साथ ले जा सकते हैं। अन्य सामानों को भीतर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रतीकात्मक महत्व
अमृत उद्यान में किए गए ये नए परिवर्तन न केवल राजधानी के पर्यटकों को आकर्षित करेंगे बल्कि यह भारत की समृद्ध बागवानी परंपरा और आधुनिक शिल्पकला का भी प्रतीक हैं। राष्ट्रपति भवन प्रशासन का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को प्रकृति, कला और संस्कृति के सम्मिलन का अनूठा अनुभव कराना है। राष्ट्रपति मुर्मू के इस उद्घाटन ने न केवल अमृत उद्यान की गरिमा को बढ़ाया है बल्कि दिल्ली के पर्यटन मानचित्र में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया है।

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