
बिहार में राजनीतिक जमीन तलाश रहे रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने आज पटना में मुस्लिम समुदाय को एक बड़ा संदेश दिया। जन सुराज पार्टी द्वारा आयोजित ‘बिहार बदलाव कॉन्फ्रेंस’ में उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के सामने दावा किया कि मुस्लिम समाज अब तक ‘लालटेन’ (राजद का चुनाव चिन्ह) का तेल बनकर जलता रहा है, लेकिन अब वह रोशनी बुझने वाली है। इस बयान को बिहार की राजनीति में एक नए ध्रुवीकरण की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
कॉन्फ्रेंस में 3,000 से ज्यादा मुस्लिम बुद्धिजीवियों की मौजूदगी के बीच प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की यात्रा से अब तक सवा करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या मुस्लिम समाज की है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज ने जन सुराज को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
‘2027 में ही निपटा देंगे आपकी लड़ाई’
प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया कि अगर वे जन सुराज के साथ आते हैं, तो अगले दो साल में पूरे देश की राजनीति की दिशा बिहार की ओर मुड़ जाएगी। उन्होंने कहा, “हम आपकी चिंता को 2027 में ही निपटा देंगे, 2029 तक नहीं जाने देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के बाद यह लड़ाई उत्तर प्रदेश में लड़ी जाएगी, जहां मुस्लिम आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। किशोर ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां मुस्लिम समाज ने उनकी बात मानी, तो यूसीसी और एनआरसी का मुद्दा खत्म हो गया।
विपक्ष पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप
प्रशांत किशोर ने बिना नाम लिए ‘इंडिया अलायंस’ को भी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुस्लिम समाज को सिर्फ वोट बैंक समझता है और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं देता। उन्होंने कहा, “आप मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व दीजिए। आपके जहां भी मुस्लिम कैंडिडेट होंगे, वहां हम मुस्लिम को टिकट नहीं देंगे। हम वहां हिंदू को ही लड़ाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि देश के 50 प्रतिशत हिंदू जो भाजपा से लड़ रहे हैं, उनमें से अगर 20 प्रतिशत भी जन सुराज के साथ आ जाएं, तो यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदू आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांधी, बाबासाहेब, लोहिया, समाजवाद और कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है।
एसआईआर और नागरिकता पर दिया भरोसा
मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय से नहीं डरने की अपील की। उन्होंने कहा कि डर यह नहीं है कि कुछ लोगों के नाम कट जाएंगे। डर यह है कि जिनका नाम है, उनका वोट सही जगह पर जाए। उन्होंने कहा कि आपके वोट की बड़ी कीमत है, इसलिए भीड़ का हिस्सा मत बनिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी लोगों को नागरिकता साबित करने का मौका देने की बात कही है।
प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकता है, जहां अभी तक मुस्लिम समुदाय को राजद का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा है। जन सुराज की यह पहल अगर कामयाब होती है, तो यह आने वाले चुनावों में समीकरणों को बदल सकती है।

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