
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता राम माधव ने संघ पर ‘संविधान विरोधी’ होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर ‘वोट चोरी’ जैसे बेबुनियाद आरोप लगाने का भी आरोप लगाया, जिसे उन्होंने संघ और देश की संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश बताया।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राम माधव ने कहा कि आरएसएस ने 1950 में संविधान को अपनाने के बाद से हमेशा उसका सम्मान किया है। उन्होंने बताया कि जब संविधान को अपनाया गया था, तब तत्कालीन सरसंघचालक ने इसे “हमारा संविधान” बताया था और नागरिकों से इसका सम्मान करने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरसंघचालक भी कई बार कह चुके हैं कि यह हमारा संविधान है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
माधव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके बावजूद, संघ पर संविधान के विरुद्ध होने के झूठे आरोप लगाए जाते हैं। उन्होंने ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह कैसा तर्क है कि जब कांग्रेस जीतती है तो ‘वोट चोरी’ नहीं होती, लेकिन जब वह हारती है तो यही आरोप लगाती है? उन्होंने ओडिशा और कर्नाटक के उदाहरण दिए, जहाँ कांग्रेस को हार मिली और उसने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया। माधव ने कहा कि ऐसे आरोप आरएसएस को बदनाम करने और चुनाव आयोग तथा भारत के संविधान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के अलावा और कुछ नहीं हैं।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि संविधान निर्माण के दौरान भी कांग्रेस के भीतर मतभेद थे। उन्होंने कहा कि कई कांग्रेस सदस्यों ने चिंता जताई थी कि महात्मा गांधी के विचारों को संविधान में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं किया गया है। लेकिन एक बार जब इसे स्वीकार कर लिया गया तो संघ ने भी बाकी सभी के साथ इसका सम्मान करने का फैसला किया।
राम माधव ने आरएसएस के गैर-राजनीतिक स्वरूप पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई राजनीतिक संगठन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र हित और देश की संस्थाओं के हित में काम करता है। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस का दृष्टिकोण राष्ट्र के लिए है और वह उन सभी के साथ खड़ा है जो देश के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
माधव ने एक चौंकाने वाला दावा भी किया। उन्होंने कहा कि कई कांग्रेसी नेता जो सार्वजनिक रूप से आरएसएस की आलोचना करते हैं, निजी तौर पर संघ की विचारधारा की सराहना करते हैं। उन्होंने अपने निजी अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के कई नेता संघ के विचारों को समझते हैं और अक्सर उनका समर्थन करते हैं।
राम माधव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और आरएसएस पर ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोप लगाए हैं। माधव का यह बयान कांग्रेस के आरोपों का एक सीधा और कड़ा जवाब माना जा रहा है।

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