
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम खोल रही है। अब सरकार की नीति सिर्फ स्थानीय नौकरियों तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के माध्यम से युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अवसर दिए जा रहे हैं। यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कुशल श्रमिकों के लिए सम्मानजनक रोजगार सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विदेशी रोजगार पर जोर
‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की पहचान करना है। सरकार ने जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से नर्सों, केयर गिवर्स, ड्राइवरों और निर्माण श्रमिकों की मांग प्राप्त की है। इन नौकरियों में ₹1.5 लाख तक का वेतन मिल सकता है।
सरकार ने हाल ही में 5,978 श्रमिकों को इज़रायल में रोजगार उपलब्ध कराया है, और 1,383 और श्रमिकों को भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इन प्रयासों से राज्य में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा और ‘वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था’ के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी। अनुमान है कि इज़रायल से ही राज्य को लगभग ₹1,000 करोड़ का रेमिटेंस प्राप्त हो सकता है। यह पहल अवैध तरीकों से विदेश जाने पर भी रोक लगाएगी, जिससे युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

रोजगार मेले और करियर काउंसलिंग
स्थानीय स्तर पर भी रोजगार सृजन के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। 1 अप्रैल 2017 से 30 अप्रैल 2025 तक, श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा आयोजित 10,830 रोजगार मेलों के माध्यम से 13,64,501 युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरियां मिली हैं। ये मेले राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित हुए, जिनमें सैकड़ों कंपनियों ने भाग लिया और युवाओं को मौके पर ही नौकरी दी।
सरकार का मानना है कि केवल नौकरी उपलब्ध कराना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि युवाओं को सही दिशा देना भी उतना ही जरूरी है। इसी सोच के तहत 24,493 करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनसे 2,65,17,277 युवाओं को मार्गदर्शन मिला। इन कार्यक्रमों ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, जहां जानकारी की कमी के कारण प्रतिभाएं अक्सर पीछे रह जाती हैं।
स्थानीय स्तर पर कुशल कामगारों को सीधा उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए ‘सेवामित्र योजना’ शुरू की गई है। इस ऑनलाइन पोर्टल पर अब तक 52,349 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। ये श्रमिक प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, ब्यूटीशियन आदि सेवाओं के लिए घर बैठे उपलब्ध होते हैं। यह योजना न केवल श्रमिकों की आय बढ़ा रही है, बल्कि नागरिकों को भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल रही हैं।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश अब केवल नौकरी ढूंढने वाला राज्य नहीं, बल्कि अपनी प्रतिभा और श्रम का निर्यात करने वाला एक मजबूत केंद्र बन रहा है। योगी सरकार के ये प्रयास राज्य को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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