
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। इस घोषणा के साथ ही यह मुकाबला सीधे तौर पर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से होगा। ‘इंडिया’ ब्लॉक की यह रणनीति विपक्ष की एकता और वैचारिक लड़ाई को मजबूत करने का संकेत देती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को अपने आवास पर हुई ‘इंडिया’ ब्लॉक की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों के नेताओं के बीच लंबी चर्चा के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति बनी। खड़गे ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करना शामिल है।”
खड़गे ने जोर देकर कहा कि सुदर्शन रेड्डी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान तथा मौलिक अधिकारों की रक्षा की।” उन्होंने इस चुनाव को एक वैचारिक लड़ाई बताया, जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत हैं। इसी कारण से बी. सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है।
‘इंडिया’ ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस अवसर पर सभी विपक्षी दलों के सांसद बुधवार को दोपहर 1 बजे सेंट्रल हॉल में एकत्र होकर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही एनडीए ने अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सीपी राधाकृष्णन के नाम को अंतिम रूप दिया था। एनडीए के नेताओं की केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था। सीपी राधाकृष्णन 20 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं।
बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञता का लंबा अनुभव उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। ‘इंडिया’ ब्लॉक को उम्मीद है कि उनकी निष्पक्ष और प्रगतिशील छवि उन्हें व्यापक समर्थन दिलाएगी। यह चुनाव अब केवल दो व्यक्तियों के बीच का मुकाबला नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं की लड़ाई बन गया है, जिसमें एक तरफ एनडीए की राजनीतिक शक्ति है और दूसरी तरफ ‘इंडिया’ ब्लॉक की वैचारिक एकता। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं।

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