
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी सरकार किसी मुद्दे पर फंस जाती है, तो वह पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करके अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। तिवारी ने कहा कि अब इस तरह की राजनीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा और सरकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी तय करनी होगी।
समाचार एजेंसी से बात करते हुए प्रमोद तिवारी ने नेहरू की उपलब्धियों का बखान किया और भाजपा के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाए। उन्होंने 1929 में रावी नदी पर ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ और ‘पूर्ण स्वराज’ के नारे का जिक्र करते हुए कहा, “जब पंडित नेहरू और कांग्रेस पार्टी देश की आजादी के लिए लड़ रहे थे, तब आपका संगठन (आरएसएस) अंग्रेजों को चिट्ठी लिख रहा था। इस संगठन को राष्ट्रहित से कोई लेना-देना नहीं था।” उन्होंने भाजपा से पंडित नेहरू पर सवाल उठाना बंद करने की अपील की।
तिवारी ने नेहरू के योगदान को याद करते हुए कहा, “पंडित नेहरू ने देश को बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके द्वारा शुरू की गई पंचवर्षीय योजनाओं ने देश के विकास को एक नई गति दी।” उन्होंने कहा कि आज अगर भारत विकास की राह पर है, तो इसका श्रेय पंडित नेहरू को ही जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लगातार अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पंडित नेहरू को निशाना बना रही है।
कांग्रेस सांसद ने इस बात पर भी जोर दिया कि नेहरू ने देश की आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया और कई बार जेल गए। उन्होंने कहा, “पंडित नेहरू लंबे समय तक सलाखों में रहे। उन्होंने देश को अंग्रेजों की बेड़ियों से आजाद कराने की दिशा में अपना सब कुछ न्योछावर करने से कोई गुरेज नहीं किया, और आज ये लोग उन पर सवाल उठा रहे हैं।” तिवारी ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के लगातार हमले करना पूरी तरह से अनैतिक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रमोद तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनसे राष्ट्रभक्ति की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी संगठन ने आम हिंदुस्तानियों से अंग्रेजों की सेना में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “अब ये लोग ऐसा अपनी श्रद्धा से कर रहे थे या फिर इन्हें अंग्रेजों का डर था।”
तिवारी के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब केंद्र सरकार और भाजपा अक्सर नेहरू-गांधी परिवार पर इतिहास को विकृत करने और देश की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते रहते हैं। कांग्रेस ने हमेशा इस तरह के हमलों का पुरजोर विरोध किया है, लेकिन प्रमोद तिवारी का यह बयान सीधे तौर पर भाजपा और आरएसएस के इतिहास और राष्ट्रवाद की परिभाषा पर सवाल उठाता है।

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