
हर साल 20 अगस्त को भारत में सद्भावना दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती को समर्पित है, जिनका जन्म 1944 में मुंबई में हुआ था। यह दिवस राष्ट्रीय एकता, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है, जो राजीव गांधी के जीवन का मूल मंत्र था।
राजीव गांधी ने अपनी माँ, इंदिरा गांधी की दुखद मृत्यु के बाद 1984 में मात्र 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उनका कार्यकाल 1984 से 1989 तक रहा, जिस दौरान भारत ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की।
राजीव गांधी: आधुनिक भारत के निर्माता
राजीव गांधी को ‘आधुनिक भारत का निर्माता’ कहा जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में भारत को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में कई क्रांतिकारी कदम उठाए। उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) और दूरसंचार के क्षेत्र में क्रांति लाना थी। उन्होंने देश में कंप्यूटरों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया, जिससे एक नए डिजिटल युग की शुरुआत हुई। आज भारत को जो ‘सॉफ्टवेयर सुपरपावर’ माना जाता है, उसकी नींव राजीव गांधी ने ही रखी थी।

उनके शासनकाल के कुछ प्रमुख योगदान इस प्रकार हैं:
नई शिक्षा नीति 1986: इस नीति ने शिक्षा प्रणाली में कई सुधार किए और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
मतदान की आयु में कमी: उन्होंने मतदान की न्यूनतम आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया, जिससे देश के युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में सीधे तौर पर भागीदारी करने का अवसर मिला।
पंचायती राज को सशक्त बनाना: उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए कदम उठाए, जिससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम: उनके नेतृत्व में, भारत में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसने देश के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदल दिया।

सद्भावना और विरासत
राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में देश की विविध आबादी के बीच सद्भावना और शांति को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रयास किए। उनकी इसी सोच को सम्मान देने के लिए 1992 में कांग्रेस द्वारा राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की गई। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता और शांति के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
हालांकि, उनके कार्यकाल में बोफोर्स तोप खरीद घोटाले जैसे कुछ विवाद भी हुए, जिन्होंने उनकी सरकार की छवि को प्रभावित किया। इसके कारण 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 21 मई 1991 को एक चुनावी अभियान के दौरान उनकी हत्या कर दी गई, जिससे देश ने एक दूरदर्शी नेता को खो दिया।
सद्भावना दिवस केवल राजीव गांधी के योगदान को याद करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हम सभी को एक साथ आकर शांति और सौहार्द के लिए काम करने की प्रेरणा भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आपसी सद्भाव और राष्ट्रीय एकता ही देश की असली ताकत है। यह हमें यह भी सिखाता है कि विभिन्नता के बावजूद हम सब एक हैं और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, ताकि एक मजबूत और एकजुट भारत का निर्माण हो सके।

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