
राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद कर्नल (सेवानिवृत्त) सोनाराम चौधरी का बुधवार देर रात दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। उनके निधन से राजस्थान, खासकर मारवाड़ क्षेत्र की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, कर्नल सोनाराम चौधरी दिल्ली में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने गए थे, तभी उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पुत्र डॉ. रमन चौधरी भी उस समय अस्पताल में मौजूद थे।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
कर्नल सोनाराम चौधरी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ लाया गया, जहां आज सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में समर्थक और ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक फौजी से राजनेता तक का सफर
कर्नल सोनाराम चौधरी ने अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.ई. की पढ़ाई की और भारतीय सेना के इंजीनियर कोर में शामिल हुए। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। सेना में रहते हुए वे कर्नल के पद तक पहुंचे।
सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने 1996 में राजनीति में कदम रखा। उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार (1996, 1998, 1999) लोकसभा चुनाव जीता। 2004 में हार के बाद उन्होंने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एक बार फिर सांसद बने। वे बायतू विधानसभा सीट से विधायक भी रहे और राजस्थान में जाट समुदाय के एक मजबूत नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।
कांग्रेस में वापसी और हाल की सक्रियता
एक लंबे समय तक भाजपा में रहने के बाद, कर्नल सोनाराम चौधरी ने नवंबर 2023 में एक बार फिर कांग्रेस का दामन थामा, जिसे राजस्थान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा गया था। निधन से कुछ समय पहले तक वे सक्रिय राजनीति में थे और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर काफी संवेदनशील थे। हाल ही में उन्होंने अपने क्षेत्र का दौरा कर युवाओं से भी मुलाकात की थी।
वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक
कर्नल सोनाराम चौधरी के निधन पर कांग्रेस में शोक की लहर है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। गहलोत ने सेना और राजनीति में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट और टीकाराम जूली जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।
उनके समर्थकों और स्थानीय जनता का मानना है कि कर्नल सोनाराम चौधरी का निधन बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा आम लोगों और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता दी, जिसके लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

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