
भारत को आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली के यशोभूमि में 2 से 4 सितंबर, 2025 तक ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इस तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को करेंगे। इस आयोजन की थीम ‘अगले सेमीकंडक्टर पावरहाउस का निर्माण’ है, जो भारत की तकनीकी प्रगति और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है।
वैश्विक सहभागिता और रणनीतिक महत्व
यह आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक वैश्विक मंच होगा, जहां 33 देशों के प्रतिनिधि, 50 से अधिक ग्लोबल सीएक्सओ और 350 से ज्यादा प्रदर्शक हिस्सा लेंगे। इसमें एप्लाइड मैटेरियल्स, आईबीएम, एएसएमएल, इनफिनियॉन, केएलए, माइक्रोन, सैनडिस्क और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी दुनिया की अग्रणी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस तरह की उच्च स्तरीय भागीदारी भारत को सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव एस. कृष्णन ने बताया कि इस बार के आयोजन में 6 इंटरनेशनल राउंडटेबल्स, 4 कंट्री पवेलियन और 9 राज्यों की भागीदारी होगी। साथ ही 15,000 से ज्यादा विजिटर्स के आने की उम्मीद है। यह संख्या इस आयोजन की बढ़ती प्रासंगिकता को दिखाती है।
सरकार की पहल और घरेलू उत्पादन पर जोर
सरकार ने भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा को गति देने के लिए अब तक ‘सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम’ के तहत 10 रणनीतिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें हाई-वॉल्यूम फैब यूनिट्स, 3डी हेटरोजीनियस पैकेजिंग और कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स (जैसे सिलिकॉन कार्बाइड) शामिल हैं। इसके अलावा, ‘डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव’ योजना के तहत 23 स्टार्टअप्स को मंजूरी दी गई है, जिससे घरेलू डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इसका उद्देश्य सीसीटीवी, नेविगेशन सिस्टम, मोटर कंट्रोलर्स और माइक्रोप्रोसेसर यूनिट्स जैसी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करना है।
सरकार ने 280 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को अत्याधुनिक डिजाइन टूल्स भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि युवा प्रतिभाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिले। कार्यक्रम में एक ‘वर्कफोर्स डेवलपमेंट पवेलियन’ भी होगा, जो युवाओं को माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में करियर के अवसरों के बारे में जानकारी देगा।
नवाचार और आत्मनिर्भरता का संगम
‘सेमी’ के अध्यक्ष और सीईओ अजीत मनोचा ने कहा कि यह आयोजन नेटवर्किंग और बिजनेस के बेहतरीन अवसर लेकर आएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी सदस्य कंपनियों की विशेषज्ञता और क्षमताएं भारत की सेमीकंडक्टर ग्रोथ को नया आयाम देंगी।”
आईएसएम के सीईओ अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसा मंच है जहां नवाचार, सहयोग और आत्मनिर्भर भारत की भावना एक साथ आकर भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का समाधान खोजेगी। सेमी इंडिया और आईईएसए के अध्यक्ष अशोक चंदक ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत की घरेलू नीतियां और निजी क्षेत्र की क्षमताएं अब एक दिशा में आ गई हैं, और ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ इस बदलाव का सबसे बड़ा उत्प्रेरक बनेगा।
यह आयोजन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन के साथ, यह संदेश स्पष्ट होगा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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