
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में आयोजित ‘राखी प्रदान’ कार्यक्रम के दौरान विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ लोग अभी भी अपनी हार से सबक नहीं ले रहे हैं और पहले विदेश में जाकर देश की बदनामी कर रहे थे, और अब बिहार में जाकर महाराष्ट्र की बदनामी कर रहे हैं। फडणवीस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने भी उनसे मुलाकात की है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है।
‘वोटर चोरी’ के आरोप पर पलटवार
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग अभी भी संतुष्ट नहीं हुए हैं और रोज ‘वोटर चोरी’ होने की बात कह रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “इनका दिमाग चोरी हो गया है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर ये लोग सच में हमारी लाडली बहनों के वोटों को चोरी कर रहे हैं, तो उनसे बड़ा चोर कोई नहीं है। फडणवीस का यह बयान चुनाव परिणामों के बाद विपक्ष द्वारा लगाए गए धांधली के आरोपों का सीधा जवाब माना जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष को न तो विदेश में कोई पूछने वाला था और न ही बिहार में कोई पूछेगा। उन्होंने कहा, “उनकी जो स्थिति महाराष्ट्र चुनाव में हुई थी, वही बिहार में भी होने वाली है।” यह टिप्पणी विपक्षी दलों की चुनावी रणनीति और उनकी हार को लेकर फडणवीस के आत्मविश्वास को दर्शाती है।
राज ठाकरे से मुलाकात और राजनीतिक मायने
फडणवीस का यह बयान मनसे प्रमुख राज ठाकरे से उनकी हालिया मुलाकात के बाद आया है। राज ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर उनसे मुलाकात की थी। हालांकि, राज ठाकरे ने स्पष्ट किया था कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी, बल्कि यह पूरी तरह से नगर नियोजन और ट्रैफिक जाम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए थी।
राज ठाकरे ने कहा था कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ पिछले कुछ महीनों से इन मुद्दों पर बातचीत चल रही थी। उन्होंने मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों में बढ़ती जनसंख्या, सड़कों पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित शहरीकरण को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा, “आज जहां 50 लोग रहते थे, वहां 500 लोग रहते हैं। आबादी बढ़ी है, कारों की संख्या बढ़ी है, और यातायात भी बढ़ा है।”
विपक्ष पर बढ़ता दबाव
फडणवीस का विपक्ष पर हमला और राज ठाकरे से उनकी मुलाकात, दोनों ही महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए समीकरण की ओर इशारा कर रहे हैं। भाजपा, जो महाराष्ट्र चुनाव में शानदार जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई है, अब विपक्ष पर और दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, राज ठाकरे के साथ फडणवीस की मुलाकात ने भाजपा और मनसे के बीच भविष्य में किसी संभावित सहयोग की अटकलों को हवा दी है, हालांकि दोनों ही नेताओं ने इसे गैर-राजनीतिक बताया है।
कुल मिलाकर, फडणवीस का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में आक्रामक रुख को दर्शाता है और यह स्पष्ट करता है कि भाजपा चुनावों के बाद भी विपक्ष को चैन से बैठने नहीं देगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष फडणवीस के इन आरोपों का क्या जवाब देता है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



