
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। रविवार को हमीरपुर में एक निजी कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस 90 से अधिक चुनाव हार चुकी है और अब बिहार में भी यही डर उन्हें सता रहा है, जिसके कारण वे पहले से ही हार का बहाना बना रहे हैं।
‘हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठाना कांग्रेस की आदत’
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है कि चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी वीवीपैट, ईवीएम और निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार कांग्रेस ने बिहार में हार की पहले से ही योजना बना ली है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को पता है कि वे बिहार में चुनाव हारने वाले हैं, इसलिए वे पहले ही आरोप लगा रहे हैं।” ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें ईवीएम और वीवीपैट पर विस्तार से सुनवाई हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी या अन्य विपक्षी दलों का संवैधानिक संस्थाओं से विश्वास उठ चुका है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस के इतिहास पर ठाकुर का पलटवार
अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी और विपक्षी दलों को कांग्रेस के इतिहास की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी की हत्या हुई थी, तब देश में चुनाव चल रहे थे, और उस समय चुनाव आयोग ने एक सीट का नहीं, बल्कि पूरे देश का चुनाव स्थगित कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय चुने गए कई चुनाव आयुक्त बाद में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।
ठाकुर ने कहा, “अगर राहुल गांधी इतिहास में देखेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थानों का किस तरह से दुरुपयोग किया है।” उन्होंने इंदिरा गांधी के कार्यकाल का भी जिक्र किया और कहा कि 1971 के चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग करने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
‘भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत किया’
अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि भाजपा सरकार में संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार में ये संस्थाएं अब स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करती हैं।” उनका यह बयान राहुल गांधी के उन आरोपों का सीधा जवाब था, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव आयोग भाजपा का ‘पार्टनर’ बन चुका है।
अनुराग ठाकुर का यह हमला यह दिखाता है कि भाजपा विपक्ष के आरोपों को हल्के में नहीं ले रही है और वह आक्रामक तरीके से उनका जवाब दे रही है। राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पक्षों के बीच यह जुबानी जंग कहां तक जाती है और क्या इसका असर आगामी बिहार चुनावों पर पड़ता है।

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