
बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस यात्रा को मतदाताओं के अधिकारों के साथ-साथ ‘वोट चोरी’ जैसे गंभीर मुद्दों को उठाने का मंच बनाया गया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि इस यात्रा को जनता से मिल रही प्रतिक्रिया उम्मीदों से कहीं ज्यादा है, जो यह साबित करता है कि बिहार में अब बदलाव की लहर चल रही है।
सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जनता से मिल रही प्रतिक्रिया हमारी उम्मीदों से परे है। उन्होंने मौजूदा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “20 साल से सत्ता पर काबिज सरकार से जनता का भरोसा खत्म हो चुका है। ऐसा लगता है कि बिहार में कोई सरकार ही नहीं है। सरकार की अक्षमता और विश्वासघात ने जनता को गुस्से से भर दिया है।” भट्टाचार्य ने दावा किया कि यह यात्रा जनता की नाराजगी को एकजुट करने का एक मंच बन रही है और महागठबंधन बिहार में एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभर रहा है।

‘आजादी की लड़ाई’ से तुलना
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस अभियान की तुलना आजादी की लड़ाई से करते हुए कहा कि बिहार की जनता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर आई है। उन्होंने कहा, “जैसे हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही यह संघर्ष जनता के हक के लिए है।” उन्होंने कहा कि यह यात्रा बिहार में बदलाव की शुरुआत है और वे इस लड़ाई में जीत के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
जन जागरूकता का प्रतीक: अलका लांबा
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने यात्रा को ‘बिहार की जागरूकता का प्रतीक’ बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार जनता से संवाद कर रहे हैं और उन्होंने मखाना किसानों सहित समाज के हर वर्ग से मुलाकात की है। लांबा ने कहा कि राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीडिया के माध्यम से जनता के सवालों का खुलकर जवाब दे रहे हैं। उन्होंने ‘वोटों की चोरी’ को बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि जनता अब जाग चुकी है और बिहार से भाजपा का सफाया तय है।

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वे जनता के अधिकारों और वोटों की चोरी जैसे गंभीर मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं। सहनी ने आरोप लगाया कि देश और राज्य में वोटों की चोरी से सरकारें बन रही हैं, जिसके खिलाफ वे जनता के साथ खड़े हैं।
मुकेश सहनी ने उम्मीद जताई कि अगले महीने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी माहौल और भी गर्माएगा। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ बिहार में एक बड़े जनांदोलन का रूप ले रही है। यह यात्रा न केवल मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही है, बल्कि सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ जनता के असंतोष को भी उजागर कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि यह अभियान आने वाले समय में बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव का कारण बन सकता है।

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