
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हर ब्लॉक की एक-एक ग्राम पंचायत को दूरसंचार सेवाओं से समृद्ध बनाने का फैसला किया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश की 415 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, जिन्हें मार्च 2026 तक एक ‘माडल ग्राम पंचायत’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की जिम्मेदारी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को सौंपी गई है।
परियोजना का उद्देश्य और लक्ष्य
बीएसएनएल उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के मुख्य महाप्रबंधक एके गर्ग ने बताया कि केंद्र सरकार गांवों के विकास पर जोर दे रही है, जिसका उद्देश्य पंचायतों की कार्यप्रणाली में सुधार लाना, उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाना है। इसी उद्देश्य के तहत, ‘दूरसंचार समृद्ध माडल ग्राम पंचायत’ बनाने की पहल की गई है।
चयनित 415 ग्राम पंचायतों में से, 277 उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल की और 138 उत्तर प्रदेश पश्चिम परिमंडल की हैं। इस योजना के तहत, प्रत्येक चयनित ग्राम पंचायत में पांच सरकारी संस्थानों (जैसे स्कूल, पंचायत भवन), पांच व्यावसायिक संस्थानों (जैसे दुकानें, क्लिनिक) और गांव के कम से कम पांच प्रतिशत परिवारों को फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) से जोड़ा जाएगा। इससे ग्रामीणों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा।
डिजिटल सशक्तिकरण का मार्ग
बीएसएनएल उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के प्रधान महाप्रबंधक (पीजीएम) मनीष कुमार ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में संचार सुविधाएं बढ़ेंगी। एफटीटीएच कनेक्टिविटी से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान हो जाएगी।
यह परियोजना न केवल ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की डिजिटल दुनिया से भी जोड़ेगी। यह उत्तर प्रदेश सरकार और बीएसएनएल की ग्रामीण विकास और डिजिटल सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता भविष्य में राज्य के सभी गांवों को इसी तरह की सुविधाओं से लैस करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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