
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी विधायक पूजा पाल के हालिया बयान पर पलटवार किया है। यादव ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही है कि जब पूजा पाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ली है, तो फिर उन्हें किस बात का डर लग रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके (पूजा पाल की पार्टी) प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली की सरकार को पत्र लिखकर यह मांग कर रहे हैं कि कौन ऐसे संगठन हैं, जिनकी जांच कराई जाए।
किसान, जंगली जानवर और शिक्षा के मुद्दे
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में किसानों की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पूरे यूपी में किसान खाद के लिए आज लाइन लगाकर खड़ा है, लेकिन सरकार चुप है।” यादव ने यह भी आरोप लगाया कि कई जगहों पर बुजुर्ग किसानों की जान चली गई है, और सरकार को बताना चाहिए कि खाद कहाँ है।
उन्होंने जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों पर भी चिंता जताई, जिससे बिजनौर, कालागढ़, नवाबगंज और खीरी जैसे इलाकों में बच्चे और किसान शिकार हो रहे हैं। यादव ने कहा कि यह सरकार झूठ बोलती है और आम जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती।
सपा प्रमुख ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्हें सुनने में आया है कि स्कूल मर्ज होने पर जो साथी ‘पीडीए पाठशाला’ चला रहे थे और जिन लोगों ने अपने बच्चों को उन पाठशालाओं में भेजा है, सरकार उन पर भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है।
‘चुनाव आयोग और डीएम छिप रहे हैं’
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग डीएम के पीछे और डीएम चुनाव आयोग के पीछे छिप रहे हैं।” यादव ने बताया कि चुनाव आयोग को 18,000 एफिडेविट सौंपे गए थे, लेकिन उनमें से केवल 14 का ही जवाब आया है।
उन्होंने सत्तारूढ़ नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने अपने ऊपर से मुकदमे वापस लिए, और यहाँ तक कि उपमुख्यमंत्री के ऊपर से भी मुकदमा वापस ले लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग कोई भी गलत काम करें, कोई एक्शन नहीं लिया जाता।
दिव्यांगों और छात्रों के अधिकार
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा की सरकार बनने पर दिव्यांगों को उनका हक मिलेगा। उन्होंने वादा किया कि सपा सरकार दिव्यांगों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देने के साथ ही ग्राम पंचायतों और शहरों में दुकानों का आवंटन करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने दिव्यांगों से बड़े-बड़े वादे किए थे, मगर कोई वादा पूरा नहीं हो सका, जिससे उन्हें हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यादव ने लखनऊ की शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उन्हें हॉस्टल से निकाला जा रहा है और सही तरीके से खाना नहीं मिल रहा है। उन्होंने अपनी आगामी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में भी शामिल होने की बात कही, जिसके माध्यम से वे जनता के मुद्दों को उठाएंगे।

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