
मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख मनोज जरांगे पाटिल को बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में ट्रैफिक और सार्वजनिक व्यवस्था को देखते हुए उन्हें आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया है। हालांकि, कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह मनोज जरांगे को मुंबई के खारघर या नवी मुंबई में किसी अन्य स्थान पर प्रदर्शन की अनुमति दे।
सुरक्षा व्यवस्था पर उच्च स्तरीय बैठक
बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के तुरंत बाद, महाराष्ट्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और गणेश चतुर्थी व मराठा आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की। मंत्रालय में हुई इस बैठक का उद्देश्य राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक रणनीति पर विचार-विमर्श करना था।
जरांगे का मुंबई कूच का ऐलान
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब मनोज जरांगे पाटिल ने हाल ही में जालना जिले के अंतरवाली सारथी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को सीधा संदेश दिया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जब तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिल जाता, वे मुंबई से वापस नहीं लौटेंगे। जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समाज के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि वे किसी एक व्यक्ति के कहने पर गलत फैसले ले रहे हैं, जो मराठा समाज को स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मराठा समाज के लिए यह लड़ाई एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है और वे इसे जीतकर ही लौटेंगे। उन्होंने दावा किया कि लाखों मराठा बंधु उनके साथ हैं और वे अपनी मांगों को मजबूती से उठाने के लिए मुंबई जाएंगे। जरांगे ने सरकार को यह भी संकेत दिया कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपनी लड़ाई को और भी तेज करेंगे।
बढ़ती सियासी सरगर्मी
बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला मनोज जरांगे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। आजाद मैदान मुंबई में प्रदर्शनों का एक ऐतिहासिक केंद्र है, और वहां पर प्रदर्शन करने की अनुमति न मिलना उनके आंदोलन की प्रतीकात्मक शक्ति को कमजोर कर सकता है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें नवी मुंबई में प्रदर्शन की अनुमति देकर एक रास्ता खुला रखा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मनोज जरांगे और उनके समर्थक इस फैसले पर क्या रुख अपनाते हैं। यह भी देखना होगा कि सरकार उन्हें नवी मुंबई में किस तरह की व्यवस्था प्रदान करती है। इस बीच, गणेश चतुर्थी के चलते मुंबई पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में केंद्र में आ गया है, और आने वाले दिनों में यह और भी गरमा सकता है।

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