
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। मंगलवार को पटना में एनडीए की एक संयुक्त प्रेस वार्ता में घोषणा की गई कि विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन का तीसरा चरण 3 सितंबर से शुरू होगा। इस चरण में कुल 42 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
कार्यकर्ता सम्मेलन की सफलता का दावा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि एनडीए के संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन का पहला चरण 23 अगस्त को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा, “प्रथम चरण में जहां भी कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ, वह काफी सफल रहा।” जायसवाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनमें विकास पर चर्चा करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने हाल ही में सरकार द्वारा की गई जन-कल्याणकारी घोषणाओं का भी जिक्र किया।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी पहले चरण की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी घटक दलों के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला। तीसरे चरण में 3, 7 और 8 सितंबर को 14 टीमों के सदस्य 42 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे और कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
तीसरे चरण का विस्तृत कार्यक्रम
3 सितंबर को: वैशाली, राजगीर, सकरा, खगड़िया, बरबीघा, केसरिया, सुरसंड, छातापुर, रीगा, गयाजी टाउन, बछवाड़ा, काराकाट, अगिआंव और बेनीपट्टी में सम्मेलन आयोजित होंगे।
7 सितंबर को: एकमा, कुचायकोट, महनार, फुलपरास, नवीनगर, कसबा, अलौली, केवटी, बड़हरा, कुटुंबा, बेगूसराय, बाराचट्टी, शाहपुर और जोकीहाट में कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे।
8 सितंबर को: मीनापुर, मोकामा, बेलसंड, बहादुरपुर, शेटघाटी, मनिहारी, हसनपुर, सहरसा, लालगंज, मखदुमपुर, पीरपैंती, रजौली, मनेर और कटिहार में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

एकजुटता और जीत का दावा
उमेश सिंह कुशवाहा ने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए बेहतर परिणाम देगा। उन्होंने कहा कि काम का कोई विकल्प नहीं होता और जनता विकास पर विश्वास रखती है। उन्होंने विपक्ष पर ‘भ्रम फैलाने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है। सीट बंटवारे के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए एकजुट है और इसमें कोई “बड़ा या छोटा भाई” नहीं है।
लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी कार्यकर्ता सम्मेलन के सफल आयोजन की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि विपक्ष जमीन पर कहीं नहीं है और उसके पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए के कार्यकर्ता पूरी तरह एकजुट हैं और जीत के लिए तैयार हैं।
एनडीए की यह रणनीति बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष, खासकर तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के मुकाबले एनडीए का यह जमीनी अभियान कितना सफल होता है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



