
गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर बुधवार को महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के घर, ‘शिवतीर्थ’, पहुंचे। राज ठाकरे हर साल दादर स्थित अपने आवास पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं। इस मुलाकात के दौरान उद्धव के साथ उनकी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
तीसरी सार्वजनिक मुलाकात, सियासी गलियारों में चर्चा
यह पिछले कुछ समय में दोनों चचेरे भाइयों के बीच हुई तीसरी सार्वजनिक मुलाकात है, जो महाराष्ट्र में सियासी सुलह के मजबूत संकेत दे रही है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात राज्य में आगामी निकाय चुनावों से पहले दोनों पार्टियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
इससे पहले भी दोनों नेताओं की मुलाकातें सार्वजनिक रूप से हो चुकी हैं, जो कभी एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे इन भाइयों के बीच जमी बर्फ के पिघलने का संकेत देती हैं।
5 जुलाई को एक मंच साझा किया: दोनों नेताओं ने 5 जुलाई को एक सार्वजनिक मंच साझा किया था, जब महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए त्रि-भाषा फॉर्मूले और राज्य में हिंदी थोपने संबंधी अपने विवादास्पद सरकारी आदेशों को वापस लिया था।
उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने गए थे राज: राज ठाकरे पिछले महीने उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए बांद्रा स्थित उनके आवास ‘मातोश्री’ गए थे।
सियासी भविष्य पर अटकलें
उद्धव ठाकरे का राज ठाकरे के घर जाना कई अटकलों को जन्म दे रहा है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक दूरियां शिवसेना में विभाजन के बाद कम होती दिख रही हैं। दोनों भाइयों के फिर से करीब आने से आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
यह मुलाकात न केवल ठाकरे परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों को सुधारने का संकेत देती है, बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति में भी एक नया समीकरण बना सकती है, खासकर जब राज्य में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और मनसे, दोनों ही एकनाथ शिंदे और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हैं।

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