
बिहार में इन दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ चल रही है, लेकिन अब यह यात्रा एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गई है। यात्रा के दौरान एक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी के लिए बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना ने बिहार की राजनीति में उबाल ला दिया है और भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भाजपा का तीखा हमला: ‘राजनीति में ऐसी नीचता पहले कभी नहीं देखी’
इस वायरल वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर विपक्षी नेताओं पर जोरदार हमला बोला। भाजपा ने अपने पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी के लिए बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। राजनीति में ऐसी नीचता पहले कभी नहीं देखी गई।”
भाजपा ने इस घटना को ‘अपमान, घृणा और स्तरहीनता की सारी हदें पार करने वाली’ बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह विपक्षी नेताओं की हताशा का नतीजा है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी और राहुल ने पहले बिहार के लोगों का अपमान करने वाले स्टालिन और रेवंत रेड्डी जैसे नेताओं को अपनी यात्रा में बुलाकर बिहारवासियों को आहत किया। अब उनकी हताशा इतनी बढ़ गई है कि वे प्रधानमंत्री मोदी की पूज्य स्वर्गीय माताजी को गाली दिलवा रहे हैं।”
भाजपा ने यह भी कहा कि यह इतनी ‘शर्मनाक घटना’ है कि इसे सार्वजनिक मंच पर दोहराना भी संभव नहीं है।
‘बिहार की जनता माफ नहीं करेगी’
भाजपा ने अपने पोस्ट में चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस अभद्र टिप्पणी के लिए राहुल और तेजस्वी को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी। पार्टी ने लिखा, “यह ऐसी गलती है कि राहुल और तेजस्वी अगर हजार बार कान पकड़कर उठक-बैठक करके भी माफी मांगें, तब भी बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।” यह बयान दर्शाता है कि भाजपा इस मुद्दे को भावनात्मक रूप से भुनाने की पूरी कोशिश करेगी और इसे चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाएगी।

यात्रा का उद्देश्य बनाम विवाद
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई थी। यह 16 दिन की यात्रा है, जो लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी और 1,300 किलोमीटर का सफर पूरा करेगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से कथित तौर पर नाम हटाए जाने के मुद्दे को जनता के बीच उठाना है। हालांकि, अब इस यात्रा का फोकस ‘वोटर अधिकार’ के मुद्दे से हटकर इस विवाद पर आ गया है।
यह घटना राजनीतिक रूप से कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
भाजपा को मिला बड़ा हथियार: पीएम मोदी पर व्यक्तिगत और उनके परिवार को लेकर किए गए हमले भाजपा को एक मजबूत भावनात्मक हथियार देते हैं। पार्टी इस घटना को ‘संस्कार’ और ‘स्तरहीनता’ का मुद्दा बनाकर विपक्ष पर हमलावर हो सकती है।
विपक्ष की छवि को नुकसान: ‘इंडिया’ गठबंधन, जो अपनी एकजुटता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संदेश देना चाहता है, उसे अब इस अभद्र टिप्पणी के कारण अपनी छवि को लेकर सफाई देनी होगी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर इस मामले में चुप्पी साधना या कमजोर प्रतिक्रिया देना उनकी राजनीतिक साख को नुकसान पहुंचा सकता है।
भावनाओं को भुनाने की कोशिश: बिहार में चुनाव नजदीक हैं, और इस तरह के मुद्दे भावनात्मक रूप से मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा इस घटना को बिहारियों के सम्मान से जोड़कर पेश कर सकती है।
अब सबकी निगाहें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर टिकी हैं कि वे इस पूरे मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। उनकी चुप्पी या सफाई आगामी चुनावों में बिहार के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है।

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