
बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान दरभंगा में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए कथित अपशब्दों ने राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने इसे लोकतंत्र के लिए ‘शर्मसार करने वाला दिन’ बताया है।
राजद और कांग्रेस पर ‘राजतंत्र’ की मानसिकता का आरोप
सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में राजद और कांग्रेस के चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन पार्टियों को यह समझना चाहिए कि यह राजतंत्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र है, जहां जनता की सत्ता सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “लेकिन, कांग्रेस और राजद को लगता है कि यह लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र है। जनता इस भ्रम को जल्द ही दूर करेगी।”
चौधरी ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह बेहद शर्मनाक है और यह समाज में द्वेष फैलाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की जनता इस तरह की भाषा को देख रही है और वह चुनाव का इंतजार कर रही है, जब वह इस तरह की ‘गालियों’ का जवाब वोट के माध्यम से देगी। यह बयान भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह विपक्षी दलों के बयानों को भावनात्मक रूप से जनता से जोड़कर वोट में तब्दील करने की कोशिश करती है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर सम्राट चौधरी का तंज
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव द्वारा ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाले जाने पर भी सम्राट चौधरी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर (मतदाता सूची से नाम हटाना) कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। उनके अनुसार, ‘इंडिया’ गठबंधन सिर्फ भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बिहार की जनता जागरूक है और वह इस तरह के ‘भ्रमजाल’ में नहीं आएगी।
चौधरी ने राहुल गांधी के पिछले बयानों का जिक्र करते हुए उन पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कई बार कह चुके हैं कि उनके पास सबूत हैं, एटम बम है। अगर उनके पास एटम बम है तो फोड़ते क्यों नहीं हैं? यह सिर्फ भ्रम फैला सकते हैं। लेकिन जनता इनके भ्रमजाल में नहीं आने वाली है।”
‘कांग्रेस लोकतंत्र विरोधी’ का आरोप
सम्राट चौधरी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर लोकतंत्र विरोधी होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को कुचला और पत्रकारों व नेताओं को जेल में डाला। उन्होंने इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि बिहार की जनता कांग्रेस और राजद को इसका जवाब देगी और उनका राजनीतिक सफाया करेगी।
यह आरोप भाजपा की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह कांग्रेस पर बार-बार लोकतंत्र को कमजोर करने और एक परिवार द्वारा शासन चलाने का आरोप लगाती है। यह संदेश बिहार की जनता के बीच भी पहुंचाया जा रहा है, ताकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया जा सके।
यात्रा का उद्देश्य और राजनीतिक विश्लेषण
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई थी। यह 16 दिन की यात्रा है जो 20 जिलों से होकर 1,300 किलोमीटर का सफर पूरा करेगी और 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ समाप्त होगी। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं की सूची से कथित तौर पर नाम हटाए जाने के मुद्दे को जनता के बीच उठाना है।
हालांकि, इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री पर हुई कथित अभद्र टिप्पणी ने इस मुद्दे को एक नया मोड़ दे दिया है। जहां विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई का हिस्सा बता रहा है, वहीं भाजपा इसे ‘अभद्र भाषा’ और ‘अपमान’ बताकर भावनात्मक रूप से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इस तरह के आरोपों और भावनात्मक अपीलों का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

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