
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का अभियान अपने अंतिम चरण में है। मतदाताओं को सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए अब केवल तीन दिन शेष बचे हैं। इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार एसआईआर के तहत शुक्रवार को एक दैनिक बुलेटिन जारी कर अब तक की प्रगति की जानकारी दी है।
चुनाव आयोग के अनुसार, नाम जोड़ने और हटाने के लिए अब तक कुल 117 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। ये सभी शिकायतें दो प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से दर्ज की गई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 9 आपत्तियां दर्ज कराई हैं, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) की ओर से 108 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि इन सभी शिकायतों का निपटारा 7 दिन के भीतर कर दिया जाएगा।
प्रक्रिया का विवरण और वर्तमान स्थिति
निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रारूप निर्वाचक नामावली में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 29 अगस्त 2025 तक जारी है। आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए अब केवल तीन दिन बचे हैं।
आयोग ने अब तक प्राप्त कुल आवेदनों का भी ब्यौरा दिया है। मतदाता सूची में योग्य मतदाताओं को शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने के लिए कुल 2,11,650 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 28,796 का निपटारा 7 दिनों की अवधि के बाद किया गया। इसके अलावा, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से 11,36,565 फॉर्म 6 प्राप्त हुए, जिनमें से 48,797 का निस्तारण हो चुका है।
चुनाव आयोग के नियम और स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग ने इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी दावे या आपत्ति का निस्तारण 7 दिन की नोटिस अवधि पूरी होने से पहले नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची से किसी भी नाम को बिना उचित जांच और सुनवाई के नहीं हटाया जाएगा।
आयोग ने उन व्यक्तियों की सुविधा के लिए भी व्यवस्था की है, जिनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं हुए हैं। ऐसे व्यक्तियों की सूची (कारण सहित) जिला स्तर पर डीईओ/डीएम की वेबसाइटों और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की वेबसाइट पर ईपीआईसी नंबर के साथ खोज योग्य रूप में उपलब्ध है।
अंत में, निर्वाचन आयोग ने सभी पात्र मतदाताओं से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को गंभीरता से लें और मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा लें। यह सुनिश्चित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि मतदाता सूची त्रुटिहीन हो, ताकि सभी योग्य नागरिक अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकें।

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