
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में निकाली जा रही विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जिसने भी ऐसा बयान दिया है, उसकी जांच कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, “जिसने भी प्रधानमंत्री के खिलाफ गलत बयानी की है, उसकी जांच-पड़ताल करनी चाहिए। कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि प्रधानमंत्री के परिवार पर किसी प्रकार का अपशब्द बोला जाए। कांग्रेस की ऐसी संस्कृति कभी नहीं रही है। जिसने भी यह टिप्पणी की है, उसे पकड़कर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल अक्सर प्रधानमंत्री पर हमलावर रहते हैं, और यह कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर एक तरह से खुद को अलग करने का प्रयास माना जा रहा है।
मतदाता सूची की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने इस दौरान मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने बिहार में हो रही ‘एसआईआर’ (मतदाता सूची पुनरीक्षण) की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची से लोगों के नाम हटाए या जोड़े जा रहे हैं, तो उसका आकलन सही तरीके से होना चाहिए।
उन्होंने राहुल गांधी की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने एक बहुत ही साधारण मांग रखी है कि उन्हें वो वोटर लिस्ट दी जाए, जिससे मशीन के जरिए हम यह पता लगा सकें कि कहीं किसी का नाम दोबारा तो नहीं है, किसी का पता फर्जी तो नहीं है या एक ही व्यक्ति के नाम कई जगहों पर तो नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग इन सभी बातों की जानकारी दे दे, तो कोई समस्या नहीं होगी।
मतदाताओं के अधिकारों पर जोर
दिग्विजय सिंह ने मतदाताओं के अधिकारों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर वोटर के चार बुनियादी अधिकार हैं: पहला, उसका वोट रजिस्टर हो; दूसरा, वह जिसे चाहे उसे वोट डाले; तीसरा, जिसको वोट दिया गया है, वह वोट पड़ा या नहीं, यह जानने का अधिकार हो; और चौथा, वोट की सही तरीके से गिनती होनी चाहिए।
उन्होंने चुनाव आयोग के इस तर्क को खारिज कर दिया कि वोट की गिनती में बहुत समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यह गलत है, और आयोग को काउंटिंग टेबल की संख्या बढ़ा देनी चाहिए, जिससे पांच से छह राउंड में पूरी गिनती हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि लोगों के वोट करने के अधिकार को छीना जाए और गुजरात जैसे राज्यों के लोगों के वोट को यहां पर रजिस्टर किया जाए।” उनके इस बयान ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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