
पश्चिम बंगाल विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होगा और इसके काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों और बिहार एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। दूसरी ओर, मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी पूरी तैयारी के साथ है और उसने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ममता सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
टीएमसी ने उठाए ये मुद्दे
टीएमसी सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार दो प्रमुख प्रस्ताव पेश करेगी। पहला, बिहार सहित भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों के उत्पीड़न की निंदा करने वाला एक प्रस्ताव। इस मुद्दे को उठाकर टीएमसी बंगाली अस्मिता को भुनाने की कोशिश कर रही है। दूसरा, राज्य सरकार बिहार एसआईआर की तरह ही बंगाल में भी ऐसी प्रक्रिया लागू करने की संभावना के खिलाफ एक प्रस्ताव ला सकती है।
इसके अलावा, राज्य सरकार ‘अपराजिता विधेयक’ पर भी चर्चा करेगी, जिसे राज्यपाल ने लौटा दिया था। यह विधेयक महिला सुरक्षा को लेकर लाया गया था, जिसमें कुछ गंभीर अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था। विधेयक को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राष्ट्रपति के पास भेजा था, लेकिन उन्होंने इसे वापस राज्य सरकार को भेज दिया था। अब टीएमसी इसे लेकर केंद्र की आलोचना करने की तैयारी में है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमलावर होगी भाजपा
भाजपा भी चुप बैठने वाली नहीं है। पार्टी ने टीएमसी नेताओं के रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम कथित तौर पर स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में सामने आने को लेकर ममता सरकार पर हमला बोलने की योजना बनाई है। हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीसीएसएससी) ने ‘दागी अयोग्य’ उम्मीदवारों की एक सूची प्रकाशित की थी, जिसमें कई टीएमसी नेताओं के करीबियों के नाम शामिल थे। भाजपा इसी मुद्दे को उठाकर टीएमसी को असहज करने की कोशिश करेगी।
भाजपा विधायक और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा, “कल हम भाजपा विधायक दल की बैठक करेंगे, जहां हम विशेष सत्र में अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। टीएमसी को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने से पहले यह जवाब देना होगा कि उनके रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम दागी और अयोग्य उम्मीदवारों की सूची में क्यों हैं।”
सत्र के दौरान भ्रष्टाचार और प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर दोनों दलों के बीच तीखी बहस और हंगामा होने की पूरी संभावना है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



