
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डूसू) में आयोजित ‘स्वयंसिद्धा’ छात्रा सम्मान समारोह में छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के कल्याण के लिए हर संभव काम करेगी, और जल्द ही दिल्ली मेट्रो पास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह समारोह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, अभाविप की अखिल भारतीय छात्रा प्रमुख मन्नू शर्मा कटारिया, राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, डूसू के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों, जैसे खेल और अकादमिक, में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 500 छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने याद किए अपने कॉलेज के दिन
‘स्वयंसिद्धा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस समारोह में उपस्थित होकर उन्हें अपने कॉलेज के दिन याद आ गए। उन्होंने कहा, “मैंने एक सामान्य छात्र की तरह अपने जीवन की शुरुआत की थी और आज दिल्ली की मुख्यमंत्री तक पहुंची हूं।” उन्होंने इसका श्रेय अभाविप को देते हुए कहा कि जो कुछ भी उन्होंने सीखा, वह इस संगठन की देन है। उन्होंने ‘स्वयंसिद्धा’ जैसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अभाविप की सराहना की और कहा कि ये आँकड़े सिर्फ संख्या नहीं हैं, बल्कि हर छात्रा के लिए प्रेरणा हैं।

छात्राओं के हक के लिए काम करने वाला संगठन
अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि 2014 में शुरू हुई ‘स्वयंसिद्धा’ की यात्रा एक विचार और एक संकल्प है, जो यह दर्शाता है कि छात्राएं किसी से कम नहीं हैं और वे जो चाहें, वह कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि ‘स्वयंसिद्धा’ लाखों छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो उनके नेतृत्व क्षमता को निखारने में मदद करता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एकमात्र ऐसा छात्र संगठन है जो सिर्फ छात्राओं के हक की आवाज नहीं उठाता, बल्कि उसे पूरा भी करवाता है। उन्होंने ‘स्वयंसिद्धा’ से लेकर ‘मिशन साहसी’ तक के उदाहरण दिए।

मेट्रो पास और स्पेशल बस का आश्वासन
डूसू की सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए यू स्पेशल बस शुरू करने और मेट्रो पास का सकारात्मक आश्वासन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि ‘स्वयंसिद्धा’ की शुरुआत 2014 में 200 छात्राओं के साथ हुई थी और आज इस कार्यक्रम में 2,500 छात्राओं की उपस्थिति दर्शाती है कि छात्रा शक्ति कैसे आगे बढ़ रही है।
मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा कि एक तरफ अभाविप छात्राओं को हर स्तर पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे छात्र संगठन भी हैं जिनका कोई स्पष्ट विजन नहीं है। यह कार्यक्रम न केवल छात्राओं को सम्मानित करता है, बल्कि उन्हें और अधिक ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित भी करता है।

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