
करदाताओं को बड़ी राहत देने और अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से 56वीं जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक बुधवार को नई दिल्ली में शुरू हो गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं, जिसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में जीएसटी के ढांचे को सरल बनाकर मौजूदा कर दरों को घटाया जाएगा, जिससे करीब 150 से अधिक उत्पादों पर जीएसटी कम हो सकता है।
दो-स्तरीय जीएसटी स्लैब की ओर
वर्तमान में जीएसटी की कई दरें हैं, लेकिन इस बैठक में दो-स्तरीय कर स्लैब प्रणाली पर विचार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर उत्पादों को कम दरों वाली श्रेणियों, 5% और 18% में लाना है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार एक खुली और पारदर्शी अर्थव्यवस्था का नींव रखेंगे, साथ ही छोटे व्यवसायों पर कर अनुपालन के बोझ को भी कम करेंगे।
आम आदमी की रसोई और नाश्ता होगा सस्ता
इस बैठक में कई ऐसे प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है, जिनका सीधा फायदा आम परिवारों को होगा। रिपोर्टों के अनुसार, खुला पनीर, खाखरा, पिज्जा ब्रेड, चपाती और रोटी जैसे आम तौर पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को शून्य जीएसटी श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। वर्तमान में इन पर 5% से 18% तक का कर लगता है।
इसके अलावा, पराठा जैसे रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ, जिन पर अभी 18% कर है, को भी जीएसटी छूट देने पर विचार किया जा रहा है। मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मेवे, नमकीन, मशरूम और खजूर जैसी वस्तुओं पर कर की दर 12% से घटाकर 5% की जा सकती है। इतना ही नहीं, मिठाइयों, लोकप्रिय पैकेज्ड स्नैक्स, नाश्ते और मिठाइयों पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने का भी प्रस्ताव है। इनमें कोको चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम और अनाज के फ्लेक्स जैसे उत्पाद शामिल हैं, जिनका शहरी और युवा वर्ग खूब इस्तेमाल करते हैं।
शिक्षा और ऑटोमोबाइल क्षेत्र को भी मिलेगा लाभ
इस बैठक से न केवल खाद्य पदार्थों, बल्कि शिक्षा और ऑटोमोबाइल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी फायदा होने की उम्मीद है। शिक्षा से संबंधित वस्तुओं जैसे मानचित्र, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, अभ्यास पुस्तिकाएं, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक पर जीएसटी दर 12% से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है। इससे छात्रों और अभिभावकों को, खासकर नए शैक्षणिक वर्ष से पहले, काफी आर्थिक राहत मिलेगी।

वहीं, ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए भी खुशखबरी है। प्रवेश स्तर के यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों पर कर को घटाकर 18% करने की उम्मीद है। वर्तमान में, इन पर इंजन के आधार पर 28% जीएसटी और 1% से 22% तक सेस लगता है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो दिवाली से पहले इन वाहनों की कीमतों में कमी आ सकती है, जिससे बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है।
विशेष कर दर और कार्यान्वयन
बैठक में कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की विशेष कर दर लगाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। इन दर में कटौती के प्रस्तावों पर जीएसटी परिषद में केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे। यदि इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाती है, तो संशोधित जीएसटी संरचना को 22 सितंबर तक लागू किया जा सकता है।
यह बैठक छोटे व्यवसायों पर कर के बोझ को कम करने और आम जनता को महंगाई से राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। यदि इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाती है, तो इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था और आम नागरिक के जीवन पर दिखेगा।

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